बेगूसराय। बिहार के बेगूसराय जिले में पंचायत भवन निर्माण को लेकर विरोध के बीच एक बड़ा मामला सामने आया है। सदर प्रखंड के लरुआरा गांव में विवाद सुलझाने पहुंचे सदर एसडीओ राजीव कुमार पर भीड़ में मौजूद एक युवक ने थप्पड़ चला दिया और उनका मोबाइल छीनने की कोशिश की। पुलिस ने आरोपी युवक को गिरफ्तार कर लिया है और उसे जेल भेज दिया गया है।
पंचायती भवन के निर्माण का विरोध
दरअसल, लरुआरा गांव में प्रस्तावित पंचायत भवन निर्माण का कार्य चल रहा है, जिसका शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले ही कर चुके हैं। भवन निर्माण के लिए चयनित भूमि सरकारी संपत्ति है, इसके बावजूद कुछ स्थानीय लोग इसका विरोध कर रहे थे। इस विरोध के बीच विवाद सुलझाने के लिए सदर एसडीओ, सदर बीडीओ और अन्य अधिकारी 23 अप्रैल को जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों के साथ बैठक करने पहुंचे थे।
बैठक में हुआ हमला
बैठक में जब अधिकारियों ने समझाने का प्रयास किया कि भवन निर्माण तयशुदा सरकारी जमीन पर ही होगा, तभी कुछ असामाजिक तत्वों ने हंगामा कर दिया। इसी दौरान लरुआरा निवासी मोहम्मद आरिफ ने सदर एसडीओ राजीव कुमार के साथ अभद्रता की, उन पर थप्पड़ चला दिया और मोबाइल छीनने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों की मदद से आरिफ को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया गया।
आरोपी गिरफ्तार, पुलिस कर रही जांच
सदर बीडीओ रवि शंकर कुमार के बयान पर सिंघौल थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। पुलिस ने नामजद आरोपी मोहम्मद आरिफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। सदर डीएसपी-1 सुबोध कुमार ने बताया कि आरोपी से पूछताछ जारी है और मामले की गहन जांच की जा रही है।
डीएसपी सुबोध कुमार ने बताया,
“विवाद के दौरान एसडीओ पर हमला हुआ और उनका मोबाइल उठाकर फेंक दिया गया। आरोपी मोहम्मद आरिफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।”
जदयू नेता पर भी लगाए गए गंभीर आरोप
इस विवाद के दौरान जदयू नेता एहतेशामूल हक ने भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि सरकारी जमीन पर निर्माण को लेकर पहले ही प्रस्ताव पास हो चुका था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा शिलान्यास भी कर दिया गया था। विरोध करने वाले पक्ष ने मस्जिद के माइक से भीड़ जुटाई और माहौल को भड़काया।
जदयू नेता एहतेशामूल हक ने कहा,
“मेरे खिलाफ विदेशी फंडिंग, इस्लाम विरोधी बयानबाजी, और भाजपा-जदयू के कार्यक्रमों के समर्थन करने जैसे आरोप लगाए गए। घटना के दौरान भद्दी-भद्दी गालियां भी दी गईं।”
विधायक भी रहे मौजूद
घटना के दिन मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह भी मौके पर मौजूद थे और उन्होंने स्थिति को शांत करने का प्रयास किया। फिलहाल, पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और अन्य संदिग्धों की भूमिका भी खंगाली जा रही है।