भारत और सिंगापुर के बीच दूसरे राउंड की मंत्री स्तरीय बैठक आज यानी 26 अगस्त 2024 को सिंगापुर में होगी। बैठक में भारत की ओर से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव भाग लेंगे। इस दौरान भारतीय मंत्री अपने समकक्षों के साथ बातचीत करेंगे। इस बैठक की जानकारी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को साझा की थी।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत-सिंगापुर द्विपक्षीय संबंधों में एक नया एजेंडा निर्धारित करने के लिए स्थापित भारत सिंगापुर मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन (आईएसएमआर) एक महत्वपूर्ण तंत्र का कार्य करता है। इसकी प्रथम बैठक सितंबर 2022 में नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। यह द्वितीय बैठक दोनों पक्षों को अपनी रणनीतिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं की समीक्षा करने तथा इसे और आगे बढ़ाने और व्यापक रूप से नई संभावनाओं पर कार्य करने की पद्धति को सक्षम बनाएगी।
सिंगापुर भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का एक प्रमुख स्रोत रहा है। वर्ष 2023-24 में, सिंगापुर भारत के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का सबसे बड़ा स्रोत था, जिसमें अनुमानित 11.77 बिलियन डॉलर का प्रवाह था। अप्रैल 2000 से मार्च 2024 तक सिंगापुर से एफडीआई का संचयी प्रवाह लगभग 159.94 बिलियन डॉलर है। द्विपक्षीय व्यापार में, सिंगापुर 2023-24 में भारत का छठा सबसे बड़ा वैश्विक व्यापार भागीदार था, जिसका कुल व्यापार 35.61 बिलियन डॉलर था, जो दक्षिण पूर्वी एशियाई राष्ट्रों का संगठन (आसियान) के साथ भारत के कुल व्यापार का लगभग 29 प्रतिशत है।
उल्लेखनीय है कि भारत और सिंगापुर के रिश्ते पहले से ही काफी मजबूत हैं। दोनों देश कई वैश्विक मंचों जैसे कि ईस्ट एशिया समिट, जी-20, कॉमनवेल्थ, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन और इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम के भी सदस्य हैं। कई अंतरराष्ट्रीय विषयों पर भारत और सिंगापुर अपने विचारों की समरूपता प्रदर्शित कर चुके हैं। इसके अलावा, भारत-सिंगापुर के बीच सैन्य अभ्यास भी होते रहते हैं।