अयोध्या में राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरो-शोरों से चल रही हैं। 22 जनवरी 2024 को प्राण प्रतिष्ठा होगा। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देशभर की कई नामी हस्तियों को निमंत्रण दिया गया है। वहीं मंदिर में पूजा अर्चना करने वाले पुजारियों का सेलेक्शन भी हो गया है। देशभर से करीब 20 अर्चक (पुजारी) सेलेक्ट किए गए हैं, जिनकी ट्रेनिंग आज से शुरू हो गई है। करीब 6 महीने तक ट्रेनिंग चलेगी और जो सफलतापूर्वक इस ट्रनिंग को पूरा कर लेंगे, वे मंदिर के पुजारी नियुक्त कर दिए जाएंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने पुजारियों के लिए भर्ती निकाली थी। करीब 3 हजार पुजारियों ने आवेदन किया, जिसमें से 200 पुजारियों को इंटरव्यू के लिए बुलाया गया। इनमें से 20 सेलेक्ट किए गए।
कहां मिलेगी ट्रेनिंग और कितनी होगी सैलरी?
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुजारियों का सेलेक्शन वृन्दावन के प्रचारक जयकांत मिश्रा और अयोध्या के 2 महंतों मिथिलेश नंदिनी शरण और सत्यनारायण दास ने किया। अयोध्या के रामकोट मंदिर में ट्रेनिंग दी जाएगी। 6 महीने के प्रशिक्षण के बाद पुजारियों को अलग-अलग पदों पर नियुक्त किया जाएगा। ट्रेनिंग के दौरान पुजारियों को 2 हजार रुपये प्रतिमाह वजीफा दिया जाएगा। ट्रस्ट की तरफ से उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाएगी। हिन्दू धर्म के विभिन्न विषयों और धर्मशास्त्रों के ज्ञाता पुजारियों को प्रशिक्षित करेंगे। विशेष तौर पर अर्चकों को सत्यनारायण दास ट्रेनिंग देंगे। रामलला की पूजा रामानंदी संप्रदाय के अनुसार की जाएगी। इस संप्रदाय के पहले आचार्य भगवान राम थे। सेलेक्ट हुए पुजारियों को इसी संप्रदाय की पूजा पद्धति सिखाई जाएगी।
6 महीने की ट्रेनिंग के बाद टेस्ट लिया जाएगा
ट्रेनिंग के दौरान पुजारियों को श्री राम मंदिर में रामलला की पूजा और अनुष्ठान की विधि समझाई जाएगी। इसका टेस्ट भी लिया जाएगा। 22 जनवरी 2024 से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के साथ राम मंदिर में होने वाली पूजा की विधि और स्वरूप बदल जाएगा। हर मंदिर में 2 पुजारी नियुक्ति होंगे, जो 2 शिफ्टों में करीब 8 घंटे की शिफ्ट देंगे। भंडारी, कोठारी और सेवादार भी नियुक्त होंगे।