पथ निर्माण के एक और ‘कार्यपालक अभियंता’ पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप ! पूर्व MLA ने CM से की शिकायत, चिट्ठी घूम-फिर कर अधीक्षण अभियंता के पास पहुंचा..S.E. करेंगे जांच

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पथ निर्माण विभाग में बड़े-बड़े खेल किए जाते हैं. विभाग के इंजीनियरों और ठेकेदारों की मिलीभगत से करोड़ों का वारा-न्यारा किया जाता है. पथ प्रमंडल गया-1 में एक ऐसे ही मामले का खुलासा हुआ, जिसमें इंजीनियरों ने फर्जी चालान पर करोड़ों का भुगतान किया है. मामले की जांच जारी है. इसके बाद पथ निर्माण विभाग के एक और कार्यपालक अभियंता पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं. पूर्व विधायक ने कार्यपालक अभियंता के भ्रष्टाचार की पोल खोलते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शिकायत की है. शिकायती पत्र मुख्यमंत्री से होते हुए, पथ निर्माण विभाग, विभाग के मुख्य अभियंता और अब अधीक्षण अभियंता तक पहुंच गया है. अधीक्षण अभियंता भोजपुर अंचल ही पथ प्रमंडल कोचस के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार की जांच करेंगे.

पूर्व विधायक ने मुख्यमंत्री से की थी शिकायत 

पूर्व विधायक ललन पासवान ने इस संबध में 29 नवंबर 2024 को मुख्यमंत्री को पत्र लिखा था. जिसमें रोहतास जिले के कोचस पथ प्रमंंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण पर करोड़ों के भ्रष्टाचार की जांच करने की मांग की थी. अपने पत्र में पूर्व विधायक ललन पासवान ने आरोप लगाया है कि कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र नारायण जब से यहां पदस्थापित हुए हैं, कोचस आवास में एक दिन भी नहीं रहते. प्रतिदिन पटना से आना-जाना होता है . डीजल आपूर्ति का पैसा बनाकर सरकार का दोहन कर रहे हैं. अगर इनके मोबाइल लोकेशन की जांच की जाए, तब सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा. ओपीआरएमसी में बड़ा खेल किया जा रहा है. संवेदक से जबरन धमकाकर पैसे की उगाही की जा रही है. जो कनीय अभियंता उनकी बात नहीं सुनता, वेतन रोक दिया जाता है. काम से पूर्व ही चालीस फीसदी कमीशन मांगा जाता है. इसकी सूचना संवेदक ने पहले ही मुख्यालय को दिया है. कार्यपालक अभियंता के आचरण और व्यवहार से पथ प्रमंडल कोचस के सभी पदाधिकारी-कर्मचारी दबाव और परेशानी में हैं. उन्होंने हाल ही में एक फोर्थ ग्रेड स्टाफ को प्रमोट कर गलत तरीके से कैशियर बनाया है. पूर्व विधायक ने एक कंपनी का नाम दिया है. जिसमें कहा गया है कि कार्यपालक अभियंता उक्त कंपनी की गाड़ी लंबे समय से अपने घर में रखकर सरकारी डीजल और पैसे का दुरुपयोग कर रहे हैं. इसके साथ ही कई अन्य गंभीर आरोप लगाए गए हैं.

मुख्यमंत्री सचिवालय ने पथ निर्माण विभाग के एसीएस को दिया निर्देश 

मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद मुख्यमंत्री सचिवालय हरकत में आया.मुख्यमंत्री सचिवालय के संयुक्त सचिव मनोज कुमार ने 16 दिसंबर 2024 को पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखा. जिसमें कहा गया कि पूर्व विधायक ललन पासवान ने मुख्यमंत्री को संबोधित कर पत्र लिखा है. पत्र में जो आरोप लगाए गए हैं, इसकी छानबीन कर समुचित निर्णय लें.साथ ही कार्रवाई के संबंध में ललन पासवान को सूचित करें. मुख्यमंत्री सचिवालय को भी जानकारी दें. मुख्यमंत्री सचिवालय से पत्र मिलने के बाद पथ निर्माण विभाग हरकत में आया. इसके बाद 30 जनवरी 2025 को पथ निर्माण विभाग के दक्षिण बिहार के मुख्य अभियंता को पत्र लिखा गया. जिसमें कहा गया है कि कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेंद्र नारायण के खिलाफ जो आरोप लगाए गए हैं, उसकी जांच करें. आरोप है कि वे कोचस स्थित आवास में नहीं रहकर प्रतिदिन पटना से आवागमन करते हैं. जिससे की सरकारी पैसे की बर्बादी होती है. साथ ही अधीनस्थ अभियंताओं के माध्यम से संवेदक से पैसा की उगाही करते हैं. इस संबंध में जांच कर प्रतिवेदन दें.

अधीक्षण अभियंता को जांच की जिम्मेदारी 

पथ निर्माण विभाग का पत्र मिलने के बाद मुख्य अभियंता दक्षिण बिहार ने 10 फरवरी 2025 को अपने अधीनस्थ अधीक्षण अभियंता भोजपुर अंचल को पत्र लिखा है. जिसमें इन आरोपों की जांच करने को कहा है. इस तरह से मुख्यमंत्री से शिकायत करने के बाद वो शिकायती पत्र घूम-फिर कर अधीक्षण अभियंता तक पहुंचा है. अब देखना होगा अधीक्षण अभियंता भोजपुर अंचल कोचस पथ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता सुरेन्द्र नारायण के खिलाफ लगे आरोपों की जांच कर कब रिपोर्ट देते हैं.

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