बिहार की शांभवी चौधरी बनीं देश की सबसे कम उम्र की सांसद, प्रचार के दौरान PM मोदी ने बताया था ‘बेटी’

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पटना: लोकसभा चुनाव 2024 में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपीआर ने सभी 5 सीटों पर जीत हासिल की है. समस्तीपुर से शांभवी चौधरी ने कांग्रेस प्रत्याशी सन्नी हजारी को बड़े अंतर से हराया है. इसके साथ ही वह देश की सबसे कम उम्र की सांसद बन गईं हैं. उनके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी प्रचार करने आए थे. पीएम ने उनको अपनी बेटी बताया था।

बड़े अंतर से शांभवी की जीत: शांभवी चौधरी ने कांग्रेस कैंडिडेट सन्नी हजारी को एक लाख 87 हजार 537 वोट से शिकस्त दी है. जब से उनकी उम्मीदवारी की घोषणा हुई थी, तब से लगातार इलाके में उनकी चर्चा थी. एनडीए के कार्यकर्ताओं से लेकर आम लोगों में भी शांभवी को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा था. खासकर युवाओं और महिलाओं के बीच वह तेजी से लोकप्रिय हो रहीं थीं।

सबसे कम उम्र की सांसद बनीं शांभवी: लोक जनशक्ति पार्टी के टिकट पर समस्तीपुर सुरक्षित सीट से चुनाव जीतने वाली शांभवी चौधरी देश की सबसे कम उम्र की सांसद बन गईं हैं. जिस दिन (4 जून 2024) वह चुनाव जीतीं, उस दिन उनकी उम्र 25 साल 11 महीने और 20 दिन थी. शांभवी अनुसूचित वर्ग (पासी जाति) से आती हैं, लिहाजा सबसे युवा दलित सांसद भी बन गईं हैं।

लालू 29 साल में सांसद बने थे: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव ने बिहार से सबसे कम उम्र का सांसद बनने का रिकार्ड बनाया था. साल 1977 में जब वो सारण से सांसद बने, तब उनकी उम्र महज 29 साल थी. आजादी के बाद भारत के संसदीय इतिहास में सबसे कम उम्र की सांसद बनने का रिकार्ड ओडीसा की चंद्राणी मुर्मू के नाम है. चंद्राणी साल 2019 में जब सांसद बनी थी, तब उनकी उम्र 25 साल 11 माह और 9 दिन थी।

क्या बोलीं शांभवी चौधरी?: वहीं जीत के बाद एलजेपीआर कैंडिडेट शांभवी चौधरी ने कहा कि यह जीत समस्तीपुर की जनता की है. उन्होंने चिराग पासवान और एनडीए नेतृत्व का आभार जताते हुए कहा कि जनता की उम्मीदों पर खरा उतरने वह पूरी कोशिश करेंगी।

“यह सिर्फ चुनावी जीत नहीं है. मैं मानती हूं कि लोगों ने मुझे अपने दिल में जगह दी है. इस मौके पर इतना जरूर कहूंगी कि लोगों की हर उम्मीदों पर मैं खरा उतरने की कोशिश करूंगी. समस्तीपुर की जनता, एनडीए नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताना चाहूंगी.”- शांभवी चौधरी, विजयी प्रत्याशी, एलजेपीआर, समस्तीपुर लोकसभा सीट

मोदी ने शांभवी को बेटी बताया था: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शांभवी चौधरी को जिताने के लिए लोगों से अपील की थी. उन्होंने मंच से कहा था, ‘पूरे हिन्दुस्तान में सबसे छोटी उम्र की बेटी चुनाव लड़ रही है. आप आशीर्वाद दीजिए, हमारी बेटी तो जीतनी ही चाहिए.’

कौन हैं शांभवी चौधरी?: एनडीए से चुनाव लड़ने वाली शांभवी बिहार सरकार के मंत्री और जेडीयू नेता अशोक चौधरी की बेटी हैं. उनके दादा महावीर चौधरी भी सूबे के कद्दावर नेता रहे हैं. शांभवी की शादी पूर्व आईपीएस और पटना स्थित महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल के बेटे सायण कुणाल से हुई है. दलित समुदाय से आने वाली शांभवी के पति भूमिहार समाज से आते हैं. इसका उनको समस्तीपुर में फायदा भी मिला, जहां दलित और सवर्ण समाज को एकमुस्त वोट मिला है।

समस्तीपुर में दो मंत्री की साख दांव पर: समस्तीपुर लोकसभा सीट पर नीतीश सरकार के दो मंत्रियों की साख दांव पर लगी थी. मंत्री अशोक चौधरी की बेटी शांभवी चौधरी जहां चुनाव जीतने में कामयाबी मिली है, वहीं मंत्री महेश्वर हजारी के बेटे सन्नी हजारी को करारी शिकस्त मिली है. इसके साथ ही बिहार की राजनीति में अशोक चौधरी की धमक बढ़ेगी।

 

 

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