नई दिल्ली/पहलगाम। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले, जिसमें 26 पर्यटकों की जान गई थी, के बाद देशभर में गहरा आक्रोश है। इस बीच, ज्योतिषपीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने हमले पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और अप्रत्यक्ष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि “जो खुद को देश का चौकीदार कहते हैं, वही आतंकियों को रोकने में विफल रहे।”
सरकार और खुफिया एजेंसियों पर उठाए सवाल
शंकराचार्य ने सरकार की खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि इस हमले से साफ हो गया है कि आतंकवाद का एक ही धर्म है और वह इस्लाम है। उन्होंने आरोप लगाया कि हमलावरों ने हिंदुओं की धर्म पहचान कर उन्हें निशाना बनाया।
शंकराचार्य ने हिंदू समुदाय से अपील की कि वे आत्मरक्षा के लिए स्वयं तैयार रहें और हथियार चलाने की ट्रेनिंग लें। उनका कहना था कि अब हिंदुओं को अपनी रक्षा खुद करनी होगी क्योंकि सरकारी तंत्र असफल हो चुका है।
“चौकीदार” पर सीधा प्रहार
शंकराचार्य ने तीखा कटाक्ष करते हुए कहा,
“अगर आप अपने घर में एक चौकीदार रखते हैं और आपकी गैरमौजूदगी में घटना हो जाती है, तो आप सबसे पहले चौकीदार से ही सवाल करते हैं।”
उन्होंने पूछा कि जब हमलावर सैकड़ों किलोमीटर दूर से भारी हथियारों के साथ आ सकते हैं, 30-40 मिनट तक खुलेआम कत्लेआम कर सकते हैं और फिर आराम से गायब हो सकते हैं, तो आखिर हमारी सुरक्षा एजेंसियां क्या कर रही थीं?
उन्होंने सरकार द्वारा तुरंत पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराने पर भी सवाल उठाया और पूछा कि अगर इतनी जल्दी पता चल सकता है तो पहले से ऐसी घटनाओं को रोकने की तैयारी क्यों नहीं की गई।
विपक्ष की तीखी प्रतिक्रिया
शंकराचार्य के इस बयान पर राजनीतिक गलियारों में भी गर्मी बढ़ गई है। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, “आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता।”
वहीं कई अन्य नेताओं और सामाजिक संगठनों ने भी शंकराचार्य के बयान को लेकर आपत्ति जताई है और प्रधानमंत्री पर सीधा हमला बोलने के लिए उनकी आलोचना की है।
चारधाम यात्रा पर भी दी प्रतिक्रिया
शंकराचार्य ने पहलगाम हमले के बाद चारधाम यात्रा को स्थगित करने की अटकलों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि चारधाम यात्रा को बंद करने का कोई औचित्य नहीं है और यात्रा को सुचारू रूप से जारी रखा जाना चाहिए।
पहले भी करते रहे हैं सरकार की आलोचना
यह पहली बार नहीं है जब शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना की हो। इससे पहले भी कई मौकों पर वे नीतियों और फैसलों को लेकर सवाल उठाते रहे हैं।