महाराष्ट्र की सियासत के दिग्गज खिलाड़ी शरद पवार ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। सूत्रों के मुताबिक, NCP सुप्रीमो पवार ने अपने भतीजे अजित पवार के नेतृत्व वाले NCP गुट से पूछा कि मौजूदा सियासी हालात में कोई रास्ता कैसे ढूंढा जा सकता है, जब वे पहले ही सार्वजनिक रूप से अपना रुख स्पष्ट कर चुके हैं। सूत्रों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाले NCP गुट के 25-30 विधायकों ने दोपहर में मुंबई के वाईबी चव्हाण सेंटर में शरद पवार से मुलाकात की थी और उनसे यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि पार्टी एकजुट रहे।
‘…और मैं आगे भी सेक्युलरवादी राजनीति ही करूंगा’
अजित पवार ने कुछ ही घंटों के अंदर अपने चाचा शरद पवार के साथ सोमवार को दूसरी बार मुलाकात की थी। सूत्रों के मुताबिक, अजित पवार खेमे ने कहा कि वे मौजूदा स्थिति में शरद पवार का आशीर्वाद और मार्गदर्शन चाहते हैं, लेकिन उन्होंने कहा कि रास्ता आप लोग भटके हैं, मैं नहीं, इसलिए मैं क्या मार्ग निकालूं। इस दौरान NCP सुप्रीमो ने अजित गुट के विधायकों से यह भी साफ कर दिया कि वह किसी भी सूरत में बीजेपी के साथ नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा सेक्युलरवादी राजनीति की है और आगे भी वही करूंगा।’
विपक्षी एकता की मशाल थामे चल रहे हैं शरद पवार
बता दें कि भतीजे अजित पवार की बगावत के बाद एनसीपी सुप्रीमो के पास गिनती के विधायक रह गए हैं। अजित पवार जहां बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए गठबंधन के साथ जाने के हिमायती हैं तो शरद पवार विपक्षी एकता की मशाल थामे चल रहे हैं। अगर दोनों पक्षों में जल्द ही समझौता नहीं होता है तो सूबे की सियासत में एक बार फिर वैसी ही स्थिति देखने को मिल सकती है जैसी शिवसेना के टूटने के बाद देखने को मिली थी। फिलहाल आंकड़ों में अजित पवार का पलड़ा वैसे ही भारी नजर आ रहा है जैसे पिछले साल शिवसेना की टूट के बाद मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का नजर आया था।