बड़ी कंपनी में लाखों का पैकेज छोड़ बन गईं BPSC टॉपर, प्रेरक है बिहार की इस सीनियर डिप्टी कलेक्टर की सफलता की कहानी

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जब ठान लिया जाय तो कोई भी काम मुश्किल नहीं होता है। इस बात को झारखण्ड की रहने वाली बिहार की सीनियर डिप्टी कलेक्टर अपेक्षा मोदी ने साबित कर दिखया है। दरअसल, अपेक्षा मोदी, जो झारखंड के कोडरमा जिले की रहने वाली हैं, की सफलता एक प्रेरणादायक कहानी है। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई अपने गृह नगर से ही की, और स्कूली शिक्षा के बाद इंजीनियरिंग में अपना करियर बनाने का मन बनाया।

उन्होंने रांची के प्रतिष्ठित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाउंड्री एंड फोर्ज टेक्नोलॉजी (NIAMT, Ranchi) में एडमिशन लिया और वहीं से बी.टेक (BTech) की डिग्री हासिल की। इंजीनियरिंग की पढ़ाई खत्म होने के बाद, अपेक्षा का चयन कॉलेज के कैंपस प्लेसमेंट में हुआ। उन्हें टाटा कंपनी से लाखों के पैकेज पर जॉब ऑफर हुआ, लेकिन उन्होंने अपना सपना पूरा करने के लिए यह अवसर ठुकरा दिया और सिविल सर्विस की तैयारी में लग गईं।

सिविल सर्विस की तैयारी में कठिन संघर्ष
कॉलेज के बाद अपेक्षा मोदी ने सिविल सर्विस की तैयारी शुरू की। इस दौरान, उन्होंने UPSC Exam और UP PCS Exam दोनों ही परीक्षाओं में सफलता हासिल की और मेन्स लेवल तक पहुंची। हालांकि, साल 2020 में यूपी पीसीएस के मेन्स में उनका चयन हुआ था, लेकिन इंटरव्यू में वे सफलता प्राप्त नहीं कर पाईं। बावजूद इसके, उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी मेहनत को जारी रखा।

BPSC में मिली बड़ी सफलता
अपेक्षा की मेहनत और संघर्ष आखिरकार रंग लाए जब उन्हें बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (BPSC) द्वारा आयोजित 67वीं कंबाइंड सिविल सर्विस परीक्षा में सफलता मिली। उन्होंने इस परीक्षा को रैंक 7 से क्रैक किया और डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित हुईं। महज 24 साल की उम्र में यह सफलता प्राप्त कर, उन्होंने यह साबित कर दिया कि उम्र सिर्फ एक संख्या है और कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है।

अपेक्षा मोदी की कहानी उन सभी के लिए एक प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने के लिए कठिन संघर्ष करते हैं। उनकी सफलता यह सिखाती है कि कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और हमेशा अपने लक्ष्य की ओर पूरी लगन से बढ़ना चाहिए।

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