पूर्वी एशिया में तैनाती के दौरान भारतीय तटरक्षक बल के अपतटीय गश्ती पोत (ओपीवी) आईसीजीएस सुजय आज बुधवार को इंटीग्रल हेलीकॉप्टर के साथ इंडोनेशिया के बाली बंदरगाह पर पहुंच गया। तीन दिवसीय यात्रा के दौरान जहाज का चालक दल इंडोनेशियाई समकक्षों के बीच संबंधों को मजबूत करने के इरादे से बातचीत करेगा। इस दौरान समुद्री खोज एवं बचाव और समुद्री कानून प्रवर्तन पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
आईसीजीएस सुजय की यात्रा समुदी सहयोग के लिए महत्वपूर्ण
आईसीजीएस सुजय ने पिछले माह इंडोनेशिया के जकार्ता में बंदरगाह की यात्रा की थी। सुजय की यह यात्रा कूटनीतिक समुद्री जुड़ाव में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। इस यात्रा का उद्देश्य न केवल भारतीय तटरक्षक और उनके इंडोनेशियाई समकक्षों के बीच संबंधों को मजबूत करना है, बल्कि भारत की जहाज निर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करना भी है। यात्रा के दौरान भारतीय जहाज की गतिविधियों में इंडोनेशियाई तटरक्षक के साथ पेशेवर बातचीत, क्रॉस डेक प्रशिक्षण, संयुक्त योग सत्र, मैत्रीपूर्ण खेल आयोजन और पैसेज सी एक्सरसाइज (पासेक्स) शामिल हैं। जहाज पर सवार 10 राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के कैडेट स्थानीय युवा संगठनों के सहयोग से समुद्री प्लास्टिक प्रदूषण के दुष्प्रभावों पर समुदाय को संवेदनशील बनाने के लिए पर्यावरण संरक्षण वॉकथॉन में भाग लेंगे।
बता दें कि आईसीजी ने 06 जुलाई, 2020 को सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीएस) से अनुमोदित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, जिसका उद्देश्य समुद्री सहयोग बढ़ाने के साथ अपने सहकारी जुड़ाव को संस्थागत बनाना है। पूर्वी एशिया में आईसीजीएस सुजय की तैनाती भारत की भारत-प्रशांत देशों के साथ मधुर संबंधों को बढ़ावा देने, समुद्री सहयोग के माध्यम से मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। आईसीजीएस सुजय की यह यात्रा समकालीन समुद्री चुनौतियों का समाधान करते हुए क्षेत्र में समुद्रों की सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरणीय स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रमुख समुद्री एजेंसियों के साथ द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में महत्व रखती है।
इस यात्रा से पहले आईसीजीएस सुजय ने जकार्ता, इंडोनेशिया और इंचियोन, दक्षिण कोरिया के बंदरगाहों का दौरा किया था, जो इस क्षेत्र में राजनयिक समुद्री जुड़ाव की निर्बाध निरंतरता को दर्शाता है। पूर्वी एशिया में आईसीजीएस सुजय की तैनाती भारत की इंडो-पैसिफिक देशों के साथ मधुर संबंधों को बढ़ावा,समुद्री सहयोग के माध्यम से मैत्रीपूर्ण संबंधों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।