NationalPoliticsTOP NEWS

मनोज झा के समर्थन में उतरे शिवानंद तिवारी, कहा – जिसने लिखी कविता उतार लाओ पहले उसकी गर्दन

आरजेडी के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी भी अब ठाकुर का कुआँ विवाद में उतर गए हैं। उन्होंने खुलकर मनोज झा का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय की लड़ाई अभी बहुत लंबी है. आज जब संसद में एक कविता का पाठ करने पर सार्वजनिक रूप से सर काट लेने, जीभ खिंच लेने, हत्या कर देने जैसी धमकी दी जा रही है. आज के दिन भी निडर होकर ऐसी धमकी दी जा सकती है यही प्रमाण है कि सामाजिक न्याय की लड़ाई अभी बहुत लंबी है।

उन्होंने आगे कहा कि मनोज झा ने महिला आरक्षण पर अपने भाषण के दरम्यान ओमप्रकाश वाल्मीकि की ठाकुर का कुआँ नाम की उस कविता को संसद में सुनाया था. वह कविता नहीं है. बल्कि एक दलित की वेदना का मर्मस्पर्शी बयान है. वह कविता आज नहीं लिखी गई है. आज से चौवालीस वर्ष पूर्व लिखी गई इस कविता ने लाखों लोगों के मन को द्रवित किया होगा. जिस समय ओमप्रकाश वाल्मीकि जी ने उस कविता सार्वजनिक पाठ किया होगा उस समय किसी ने उनकी जीभ नहीं काटी, गर्दन नहीं उतारी।

मुझे तो लगता है कि इस कविता का जो थीम है, उसका जो विषय वस्तु है और जिस ढंग से उसमें दलितों की वेदना का बयान है. उसकी प्रेरणा संभवतः ओमप्रकाश वाल्मीकि जी को प्रेमचंद जी से ही मिली होगी. ठाकुर का कुआँ प्रेमचंद जी की सबसे छोटी लेकिन कालजयी कीर्ति मानी जाती है. उस कहानी में वही दर्द है, वही पीड़ा है जिसको वाल्मीकि जी ने अपनी कविता के ज़रिए व्यक्त किया है. बल्कि दोनों का शिर्षक भी एक ही है. प्रेमचंद जी का समय तो बहुत पुराना है. 1936 के पहले का समय. क्योंकि प्रेमचंद जी का इंतकाल 1936 में ही हो गया था. आज के मुक़ाबले प्रेमचंद जी का समय शायद ज़्यादा सामंती रहा होगा. लेकिन ठाकुर का कुआँ नाम की उस कहानी के लिए प्रेमचंद जी को धमकी दी गई हो या उन पर हमला हुआ हो, यह इतिहास में कहीं दर्ज नहीं है।

मनोज झा द्वारा संसद में एक चर्चा के दरम्यान ओमप्रकाश वाल्मीकि की उस कविता के पाठ के लिए तरह तरह की धमकी मिल रही है. कल लालू जी ने मनोज झा का मज़बूती से समर्थन किया था. आज नीतीश जी के मंत्री मंडल के सदस्य का बयान सुना. ताकतवर मंत्री हैं. मीडिया से बातचीत में उन्होंने बहुत उपदेशात्मक अंदाज़ में मनोज झा को संदेश दिया कि उस कविता पाठ से लोगों की भावनायें आहत हुई हैं. इसलिए लोगों की भावनाओं का ध्यान चाहिए था. आश्चर्य है कि जिन लोगों ने सार्वजनिक रूप से मनोज झा की जीभ उखाड़ने या गर्दन उतार लेने की धमकी दी उस पर उन्होंने कुछ नहीं कहा ! जैसे उस कविता का पाठ करना ऐसा अपराध है जिसके लिये इस तरह की धमकी स्वाभाविक है।

दुखद है कि अपनी बात के समर्थन के लिए उन्होंने नीतीश कुमार जी के तौर तरीक़ों का उदाहरण भी दिया. संजय जी से मैं अनुरोध करूँगा कि नीतीश जी की राजनीति की धारा को समझें. वह धारा सामाजिक न्याय की है. वह धारा दलितों, अति पिछड़ों, पिछड़ों, महिलाओं को सशक्त बनाने की धारा है. वह दलितों के दर्द और वेदना का बयान करती कविता का पाठ करने पर जीभ उखाड़ने और गर्दन उतारने वालों का समर्थन नहीं बल्कि मज़बूत विरोध करने वाली धारा है. अनुरोध करूँगा कि संजय जी नीतीश जी से सामाजिक न्याय की धारा और इसके इतिहास को पुनः समझने का कोशिश करें।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Sumit ZaaDav

Hi, myself Sumit ZaaDav from vob. I love updating Web news, creating news reels and video. I have four years experience of digital media.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी