पीएम मोदी ने कल लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ ली है। इसके साथ ही मंत्री के रूप में 71 नेताओं ने मंत्री पद का शपथ ग्रहण किया है। इसके साथ ही मोदी कैबिनेट में इस बार एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। यह रिकॉर्ड है कि कैबिनेट में मंत्री पद के लिए छह पूर्व मुख्यमंत्री को शामिल करना। पीएम मोदी की कैबिनेट में इस बार कई पूर्व मुख्यमंत्रियों को जगह मिली है जिनमें जीतन राम मांझी, मनोहर लाल और शिवराज सिंह चौहान जैसे चेहरे शामिल हैं। इसके अलावा कैबिनेट में कई नए चेहरों को भी जगह मिली है।
दरअसल, रविवार शाम को पीएम मोदी के साथ 71 सांसदों ने मंत्री पद की शपथ ली। कैबिनेट में कुल तीस मंत्रियों को शामिल किया गया है. इसके अलावा, मोदी सरकार 3.0 में पांच स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री बनाए गए हैं। वहीं 36 सांसदों को राज्य मंत्री बनाया गया है। इसके साथ ही इस कैबिनेट में 6 पूर्व मुख्यमंत्रियों को भी जगह मिली है। जिसमें कई नाम काफी चर्चित है।
जिन पूर्व मुख्यमंत्रियों को कैबिनेट में जगह मिली है उनमें शिवराज सिंह चौहान (मध्य प्रदेश), राजनाथ सिंह (उत्तर प्रदेश), मनोहर लाल खट्टर (हरियाणा), सर्बानंद सोनोवाल (असम), एच डी कुमारस्वामी (कर्नाटक) और जीतन राम मांझी (बिहार)शामिल हैं। इनमें से पांच पूर्व मुख्यमंत्री भारतीय जनता पार्टी से हैं, जबकि कुमारस्वामी जनता दल-सेक्युलर और मांझी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा का प्रतिनिधित्व करते हैं।
जानकारी हो कि, बिहार से पूर्व सीएम जीतन राम मांझी भी मोदी सरकार में पहली बार मंत्री बनाए गए हैं। 1980 में कांग्रेस के टिकट पर गया के फतेहपुर विधानसभा सीट से चुनाव लड़कर विधायक बने थे। इसके बाद मांझी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो लगातार राजनीति में सक्रिय है। जीतन राम मांझी उस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में उस समय आए थे जब साल 2014 में नीतीश कुमार ने लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन की जिम्मेदारी लेते हुए सीएम पद से इस्तीफा दे दिया और अपनी जगह जीतन राम मांझी को राज्य का नया मुख्यमंत्री बना दिया। हालांकि, जीतन राम मांझी को 10 महीने बाद ही अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था।