केंद्र की मोदी सरकार ने टेलीकॉम कंपनियों के लिए एक नया बिल लेकर आई है। आपको बता दें कि भारत में 138 साल पुराने टेलीकॉम बिल को ही फॉलो किया जा रहा है। आपको बता दे इस नए बिल के अनुसार अब सैटलाइट इंटरनेट के लिए नीलामी नहीं की जाएगी। बल्कि अब नए बिल के अनुसार कंपनियों को इसका लाइसेंस दिया जाएगा।
आपको बता दे की एलन मस्क ने इसकी मांग पहले की थी। अब नए टेलीकॉम बिल से एलॉन मस्क को सीधा फायदा होगा। जबकि जिओ ने नीलामी प्रक्रिया को ही बेहतर बताया था। जाहिर सी बात है कि इससे रिलायंस जिओ को नुकसान हो सकता है। इससे पहले भी जिओ के द्वारा व्हाट्सएप कॉलिंग को लेकर सवाल किए गए थे।
इस नई टेलीकॉम बिल में व्हाट्सएप कॉलिंग को भी राहत दी गई है। इस नई टेलीकॉम बिल के अनुसार ओटीटी एप्स को भी राहत मिली है। आपको बता दे कि भारत में सैटलाइट इंटरनेट सेवा 2030 तक 36 परसेंट प्रत्येक वर्ष के साथ इजाफा होने का अनुमान है। इससे साफ होता है कि भारत में ब्रॉडबैंड सर्विस का काफी अच्छा मार्केट है। जिसको देखते हुए विदेशी कंपनियां भी भारत में आ सकती है।