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जमीन सर्वे के बीच चौंकाने वाली खबर, अधिकारियों ने कर दिया बड़ा खेला; जानिए पूरा मामला

ByLuv Kush

जनवरी 15, 2025
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बिहार की नीतीश सरकार (Nitish Government) एक ओर जहां जमीन के सर्वे को लेकर सूबे के लोगों की हर संभव मदद करना चाह रही है। वहीं दूसरी ओर, पदाधिकारियों का गैर जिम्मेदाराना रवैया इसमें पलीता लगा रहा है। ताजा मामला मुजफ्फरपुर से सामने आया है, जहां परिमार्जन के लिए आए रैयतों के आवेदनों को बिना कारण बताए पदाधिकारी अस्वीकृत कर दे रहे हैं। समीक्षा के दौरान मामला सामने आया, जिसके बाद विभाग ने ऐसे पदाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई का निर्देश सभी जिले के समाहर्ता को दिया है।

चकबंदी निदेशक राकेश कुमार ने सभी समाहर्ता को भेजे गए पत्र में लिखा है कि डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार को लेकर राज्य सरकार ने परिमार्जन प्लस सुविधा शुरू की है। ऑनलाइन व्यवस्था से ऐसा किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में भू-अभिलेख को अपडेट करने की प्रक्रिया के दौरान ऑनलाइन दाखिल-खारिज और परिमार्जन सरकार की प्राथमिकता में है। दरअसल, देखा जा रहा है कि परिमार्जन प्लस में सुधार के लिए आवेदन करने वाले रैयतों को अनावश्यक परेशान किया जा रहा है। उनके आवेदनों को बिना किसी वैध कारण अस्वीकृत कर दिया जा रहा है। इससे आम नागरिकों और भू-धारियों को अनावश्यक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

निदेशक की ओर से जारी पत्र के अनुसार, सात जनवरी 2025 तक राज्य में 10 लाख से भी अधिक आवेदन लंबित पाए गए हैं। इनमें ऑनलाइन जमाबंदी के पांच लाख 85 हजार 731 आवेदन हैं। वहीं, छूटी हुए जमाबंदी के मामलों के पांच लाख 12 हजार 144 आवेदन लंबित हैं। निदेशक ने सभी समाहर्ता से विशेष अभियान चलाकर तीन माह से अधिक समय से लंबित आवेदनों का निष्पादन एक माह में कराने का आग्रह किया है। इस मामले में लापरवाही और शिथिलता बरतने वाले पदाधिकारियों और कर्मचारियों को चिह्नित कर कार्रवाई के भी कहा है। राज्य में 10 लाख से अधिक आवेदन लंबित हैं।

DM ने की समीक्षा, अंचलों को दिया सुधार लाने का निर्देश

इस बीच जिले में राजस्व विभाग से जुड़े मामलों समेत कई विभागों की योजनाओं की डीएम सुब्रत कुमार सेन ने समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को सरकारी दिशानिर्देश के अनुरूप शत प्रतिशत उपलब्धि ससमय हासिल करने का निर्देश दिया। दाखिल खारिज की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिला स्तर पर निष्पादन का प्रतिशत 84 है। अंचलवार समीक्षा में पाया गया कि दाखिल खारिज में पारू की 95, मुरौल 92, साहेबगंज 90, सकरा 89 व मड़वन 89 उपलब्धि है। जबकि कांटी की उपलब्धि 71, मुशहरी 82, मीनापुर 82, कुढ़नी 83, मोतीपुर 83, गायघाट 83, बोचहां 84, औराई 85, कटरा 85 प्रतिशत है।

डीएम ने असंतोषजनक प्रदर्शन वाले अंचल कांटी, साहेबगंज, मुशहरी, कटरा, सरैया को सुधार लाने का निर्देश दिया। आधार सीडिंग के मामले में अंचलों की स्थिति औराई 71, गायघाट 62, पारू 60, बंदरा 59, मड़वन 59 प्रतिशत है। भू-स्वामित्व प्रमाणपत्र निर्गत करने में मुरौल, औराई, बोचहां, गायघाट, कुढ़नी, मोतीपुर, कटरा और साहेबगंज में 100% डिस्पोजल है। वहीं, मड़वन में 97, कांटी 97, मुशहरी 98, पारू 98, मीनापुर 99 प्रतिशत डिस्पोजल है। जिलाधिकारी ने सभी अंचलाधिकारी को भूमि मापी से संबंधित आवेदन का उपलब्ध अमीन के माध्यम से शीघ्र निष्पादन करने को कहा।


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