शरीर पर देवी-देवताओं का टैटू बनाना चाहिए या नहीं? जानें प्रेमानंद जी महाराज से
देशभर में इस समय संत श्री प्रेमानंद महाराज की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। प्रेमानंद महाराज सत्संग के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं और राधा रानी व सनातन धर्म से जुड़ी अहम बातों की जानकारी देते हैं। इसी के साथ वह सत्संग में आए लोगों के प्रश्नों के उत्तर भी देते हैं, जिससे उन्हें अपनी परेशानी का समाधान मिल सके। सोशल मीडिया पर इस समय प्रेमानंद महाराज का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें वह सत्संग में आए एक व्यक्ति को बताते हैं कि उन्हें हाथ, पैर और शरीर के बाकी अंगों पर देवी-देवताओं के नाम और उनका चित्र यानी टैटू क्यों नहीं बनवाना चाहिए। चलिए जानते हैं प्रेमानंद महाराज के इसी सवाल का जवाब।
जीवन पर पड़ता है शुभ-अशुभ प्रभाव
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि देवी-देवताओं के नाम में बेहद शक्ति होती है। जो लोग नियमित रूप से भगवान के नाम का जाप करते हैं, उन्हें अपने पापों से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन जिस तरह भगवान के नाम जाप से जुड़े नियम होते हैं। ठीक उसी तरह देवी-देवताओं के चित्र बनवाने का भी शुभ और अशुभ प्रभाव व्यक्ति के जीवन पर पड़ता है।
महाराज- Tattoo न बन जाए दुर्भाग्य का कारण!
प्रेमानंद महाराज के अनुसार, शरीर के किसी भी अंग पर कभी भी देवी-देवताओं के नाम का चित्र या उनकी फोटो टैटू के रूप में नहीं बनवानी चाहिए। इससे कहीं न कहीं आप पाप के भागी बन सकते हैं। जब व्यक्ति स्नान करेगा, तो उस समय वो जल उसी टैटू के ऊपर से होकर पैरों में जाएगा। इससे उस नाम का अपमान होगा और व्यक्ति को पाप लगेगा।
इसके अलावा दिनभर हम ऐसी अवस्थाओं से गुजरते हैं, जिन्हें अपवित्र माना जाता है। ऐसे में इस दौरान देवी-देवताओं के नाम का चित्र या उनकी फोटो भी अपवित्र हो जाती है। इससे भगवान का अपमान होगा, जिससे आपको उनके आशीर्वाद की जगह गुस्से का भी सामना करना पड़ सकता है।
मेहंदी लगाना भी पड़ सकता है भारी!
प्रेमानंद महाराज बताते हैं कि हाथ पर टैटू के अलावा देवी-देवताओं के नाम और उनके चित्र की मेहंदी भी नहीं लगानी चाहिए। इससे आप जाने-अनजाने भगवान का अपमान कर रहे हैं, जिसके कारण व्यक्ति को उनके क्रोध का भी सामना करना पड़ सकता है।
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