मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (एमयूडीए) के अध्यक्ष के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के इस्तीफे की मांग की। पार्टी ने दावा किया कि सिद्धारमैया जमीन घोटाले में ‘सिर से पांव तक’ लिप्त हैं। सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती बीएम को जमीन आवंटन में कथित अनियमितताओं को लेकर उठे विवाद के बीच एमयूडीए के अध्यक्ष के मारीगौड़ा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिर से पांव तक खुद लिप्त- भाजपा
भाजपा मुख्यालय में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, ‘‘एमयूडीए के अध्यक्ष का इस्तीफा और सिद्धारमैया द्वारा जमीन वापस करने की पेशकश से साफ होता है कि इस घोटाले में मुख्यमंत्री सिर से पांव तक खुद लिप्त हैं। इस बारे में अब कोई संदेह नहीं है।” उन्होंने कहा, ‘‘मैं सिद्धारमैया से कहना चाहता हूं कि अगर आपमें थोड़ी भी नैतिकता बची है तो आपको तुरंत पद छोड़ देना चाहिए। आपको आज के सूर्यास्त का इंतजार भी नहीं करना चाहिए।”
एमयूडीए भूखंड आवंटन घोटाले मामले में लोकायुक्त पुलिस ने 25 सितंबर को विशेष न्यायालय के आदेश के बाद 27 सितंबर को सिद्धारमैया, उनकी पत्नी पार्वती बी एम, उनके करीबी रिश्तेदार मल्लिकार्जुन स्वामी, देवराजू (जिनसे मल्लिकार्जुन स्वामी ने जमीन खरीदकर पार्वती को उपहार में दी थी) तथा अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
इसके बाद प्रवर्तन निदेशालय ने भी 30 सितंबर को मुख्यमंत्री के खिलाफ प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की, जिसमें एमयूडीए की ओर से उनकी पत्नी पार्वती बी एम को 14 भूखंडों के आवंटन में कथित अनियमितताएं करने का आरोप है। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की पत्नी पार्वती द्वारा भूखंड लौटाने की पेशकश किए जाने के बाद, एमयूडीए ने उन्हें आवंटित 14 भूखंडों को वापस लेने का एक अक्टूबर को फैसला किया था। सिद्धारमैया ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों और अपने इस्तीफे की मांग को खारिज किया है।