सिंगापुर एयरलाइंस को विलय के लिए केंद्र सरकार से मिली FDI की मंजूरी
टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच संयुक्त उद्यम विस्तारा का एयर इंडिया में विलय हो रहा है। इसके लिए सिंगापुर एयरलाइंस को भारत सरकार से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की मंजूरी मिल गई है। सरकार से मंजूरी मिलने के बाद सिंगापुर एयरलाइंस विलय समझौते के तहत एयर इंडिया में 25.1 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करेगी।
विमानन कंपनी सिंगापुर एयरलाइंस ने शुक्रवार (30, अगस्त) को रेगुलेटरी फाइलिंग में बताया कि उसे प्रस्तावित विलय के हिस्से के रूप में एयर इंडिया में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के लिए भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। कंपनी के मुताबिक इस मंजूरी मिलने के साथ ही यह विलय समझौता इस साल के अंत तक पूरा हो जाने की उम्मीद है। इस सौदे से दुनिया के सबसे बड़े एयरलाइन समूहों में से एक का गठन होने की उम्मीद है।
इस बीच देश की तीसरी सबसे बड़ी विमानन कंपनी विस्तारा ने जारी बयान में कहा कि वह अपने ब्रांड के तहत 11 नवंबर, 2024 को अंतिम उड़ान का परिचालन करेगी। दरअसल ऐसा इसलिए, क्योंकि सिंगापुर बेस्ड एयरलाइन का विलय एयर इंडिया के साथ फाइनल हो गया है। अब 12 नवंबर, 2024 से विस्तारा के सभी फ्लाइट्स का संचालन एयर इंडिया ही करेगी। इसके लिए टिकट की बुकिंग भी एयर इंडिया के वेबसाइट से होगी।
टाटा की अगुवाई वाले एयर इंडिया के प्रमुख कैंपबेल विल्सन ने जारी एक बयान में कहा कि नियामकीय मंजूरी मिलने के बाद विस्तारा के विमानों और चालक दल के सदस्य 12 नवंबर को एयर इंडिया में शामिल होंगे।
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