आपको बिहार का गायक दीपक ठाकुर याद है, नहीं याद है तो हम आपको याद दिला देते हैं. गैंग्स ऑफ़ वासेपुर नमक हिंदी सिनेमा में बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले दीपक ठाकुर ने मुरा नामक गाना गया था और रातों-रात फेमस हो गए थे. इसके बाद दीपक ठाकुर बिग बॉस में एंट्री करते हैं और करोड़ों देशवासियों का रातों-रात चहेता बन जाते हैं. बिग बॉस में हुए टॉप 5 में शामिल थे. खुद को टॉप 3 से उन्होंने इसलिए बाहर कर लिया क्योंकि वह चाहते थे कि बिग बॉस टीम द्वारा जो 20 लख रुपए की राशि दी जा रही है उससे उनके परिवार वालों को लाभ मिल सके. इंटरव्यू के दौरान दीपक ठाकुर ने बताया था कि इस 20 लख रुपए से वह अपनी बहन की शादी धूमधाम से करना चाहते हैं. अब इस बहन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है दीपक ठाकुर की बहन ज्योति ठाकुर अफसर बन गई है, 68 बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा परीक्षा में ज्योति ने सफलता का परचम लहराया है।
अपनी बहन ज्योति को बधाई देते हुए दीपक ठाकुर ने फेसबुक पर लिखा है कि आज जो ख़ुशी मिली है वो शब्दों में नहीं बता सकते,बात तो बस इतनी सी है की बात शुरू हुई थी तानों से और ख़त्म हुई बहन तुम्हारी कामयाबी पर मेरी छोटी बहन ज्योति,आज 143 वा Rank लाकर 68th BPSC परीक्षा क्लियर करके पंचायती राज पदाधिकारी बोले तो अफ़सर बन गई। जबसे result आया है भावनाओं का सैलाब उमर रहा है।
बहन तुमने सपना देखा,पूरे परिवार ने उसको जिया,उसे महसूस किया और तुमने आज वो कर दिखलाया जो की कल्पना से परे है।अद्भुत है यह एहसास इसका बखान करने में शब्द कम पड़ जाएँगे….बहुत भावुक हूँ,पोस्ट लिखते-लिखते आँखों से टप-टप आँसू टपक रहे हैं लेकिन मलाल नहीं,क्यों की ये ख़ुशी के जो हैं,आज इसको बहने देंते हैं…..अरे अफ़सर बन गई बहन आज तुम। हम सबको बहुत बहुत बहुत गर्व है तुमपे,तुमने आज पूरे ख़ानदान का,माँ पापा का सबका नाम रौशन कर दिया,सबका मान-सम्मान बढ़ाया है।हमे नाज़ है तुम पर ज्योतु।
तुमने अपनी मेहनत के दम पर आज BPSC Clear करके ये साबित किया की हर गरीब,मध्यम वर्गीय परिवार भी बड़ा सपना न सिर्फ़ देख सकता हैं बल्कि,अगर चाह ले,दृढ़ निश्चय कर ले तो उसको पूरा भी कर सकता हैं। हाँ बहन बेशक ये सफ़र बिलकुल भी आसान नहीं था,लेकिन वही बात है ना बहन हम माध्यम वर्गीय परिवार से आने वालों के पास कोई दूसरा option और backup कहाँ होता है,सिवाय इसके कि मेहनत कर,लोगों और अलग-अलग variety के रिश्तेदारों के तानों का जवाब बस कामयाब होकर दें।
माँ-पापा अपनी पूरी उम्र हमलोगों को पढ़ाने और अपने-अपने क्षेत्र में कामयाब करने में झोंक दिये।क्या क्या नहीं सुने वो लोग…..हम अपने क्षेत्र में रास्ता बनाए और तुम भी अपने कंधों पर सबकी उम्मीद के साथ किताबों का बोझ लेकर Civil Services की तैयारी शुरू की।
पापा ठहरे आत्मा के शुद्ध इंसान एक किसान और समाज के लिये सदैव तत्पर रहने वाले सामाजिक आदमी और हमारी माँ अकेली working lady,पूरे परिवार को ले कर चलने वाली,ना जाने कितने ही तानें कितनी ही बुराइयाँ सुनी और झेली है माँ ने।और अधिकतर रिश्तेदार तो बस पैसा से judge किया ताना मारा,टाँग खींचा और सिर्फ़ नीचा दिखाया। ख़ैर ज़्यादा तर रिश्तेदार होते भी इसी काम के लिए हैं।और इन तानों से भी एक अलग शक्ति मिलती है अब वही बात है की कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना….
बहन यह कामयाबी तुम्हारी है,ये आज का दिन तुम्हारा है,आज तुम्हारी ज़िंदगी बदल गई।
आज अत्यंत गर्व महसूस हो रहा है।
Love uh Sister
खूब खुश रहो,और तरक़्क़ी करो आगे बढ़ो,अब अगला मुक़ाम UPSC होना चाहिए,तुम्हारा भैया हमेशा तुम्हारे साथ है।तुमको किसी की नज़र ना लगे।
खूब खूब आशीर्वाद