Bihar

‘बदले-बदले नजर आ रहे हैं हुजूर …’, पहले जिस काम से CM करते थे परहेज अब खुद उसी में दिखा रहे रुचि; जानिए क्या है पूरी कहानी

क्या नीतीश कुमार के लिए इस साल होने वाला विधानसभा चुनाव अबतक के चुनाव से कहीं अधिक महत्वपूर्ण है ? क्या नीतीश कुमार बिहार के आगामी चुनाव में एनडीए का सीएम चेहरा नहीं बनेंगे? यदि इस तरह के सवाल आपके मन में भी उपज रहे हैं तो आज हम आपको इन्हीं कुछ सवालों का जवाब एक सीधे-साधे  तरीके से देंगे।

दरअसल, नीतीश कुमार को लेकर जब भी यह सवाल उठा है कि अब इनका राजनीतिक कैरियर खत्म होने पर आया है तब-तब नीतीश कुमार कोई ऐसा तुरूप का इक्का निकालते हैं जिससे राजनीतिक गुणा-भाग करने वाले लोग भी हैरान हो जाते हैं कि नीतीश कुमार सच में ऐसा भी कर सकते हैं ? अब अब इन बातों को इसी उदाहरण के साथ समझें कि पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान सीएम नीतीश कुमार को लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह -तरह की चर्चा हो रही थी। कई लोग तो यह भी कह रहे थे कि जदयू 4 से अधिक सीट पर बहुमत नहीं हासिल कर पाएगी। लेकिन, जैसे ही चुनाव का रिजल्ट आया हर कोई दंग रह गया और नीतीश कुमार ने यह बताया दिया कि उनके बारे में कुछ भी पहले से कयास लगाना उचित नहीं है।

वहीं, इस साल जब विधानसभा का चुनाव होना है तो नीतीश कुमार को लेकर एक बार फिर से तरह-तरह की बातें हो रही हैं। ऐसे में अब तो एक चीज़ नया देखने को मिल रहा है वह चीज़ यह है कि सीएम नीतीश कुमार अपनी यात्रा में मीडिया में खुलकर पहले की तरह तो नहीं आ रहे हैं। लेकिन,अब उनकी इस यात्रा में सोशल मिडिया इन्फ्लुएंसर साथ घूम रहे हैं और सीएम नीतीश कुमार के तरफ से किए गए बिहार के विकास कार्यों का भी वीडियो बना कर उसके जरिए नीतीश कुमार का कद और भी बढ़ा देते हैं।

इसके अलावा दूसरी जो नई चीज़ देखने को मिली है वह यह है कि नीतीश कुमार अपने स्वभाव से विपरीत इस बार युवाओं, महिलाओं और आम जनता के साथ सेल्फी भी खींचवा रहे हैं और उसको अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल भी करवा रहे हैं। जबकि इससे पहले यह देखने को मिलता रहा है कि सीएम कभी भी इस तरह से सेल्फी के लिए कहीं रुके नहीं है। लेकिन,इस बार सीएम खुद लोगों को बुलाकर सेल्फी खिंचवा रहे हैं।

बता दें कि बिहार की राजनीति में बीते दो दशक से नीतीश कुमार के कद का कोई दूसरा चेहरा नहीं उभर सका है। नीतीश कुमार को न लालू यादव टक्कर दे पाए और न ही उनका बेटा तेजस्वी यादव टक्कर दे पाए। बीजेपी के साथ रहने पर सुशील मोदी जरूर नीतीश कुमार के कद के नेता माने जाते थे, लेकिन वह भी नीतीश कुमार के साये में ही राजनीति करते नजर आए। सुशील मोदी के अलावा बीजेपी में दूर-दूर तक नीतीश कुमार के कद का कोई दूसरा नेता उभर नहीं पाया। ऐसे में बिहार चुनाव से ठीक पहले सीएम नीतीश कुमार राज्य की राजनीति में अपनी बादशाहत का लोहा मनवाने के लिए एक बार फिर से प्रगति यात्रा पर निकले हैं।


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