फरवरी 2019 में सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस शुरू करके रेलवे ने नए आयाम स्थापित किए. उसके बाद कई रूट पर वंदे भारत ट्रेनों को शुरू किया गया. मौजूदा समय में रेलवे की तरफ से 34 अलग-अलग रूट पर वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जाता है. ट्रेन की शुरुआत से लेकर अब तक इसके डिजाइन, फीचर्स और इंटीरियर में कई बदलाव किये गए.
रेलवे की तरफ से जल्द स्लीपर वंदे भारत ट्रेन का संचालन शुरू किया जाने वाला है. स्लीपर कोच के इंटीरयर को देखकर आप फ्लाइट और ट्रेन में अंतर नहीं कर पाएंगे. अब सवाल है कि क्या आने वाले समय में फ्लाइट का क्रेज लोगों के बीच कम हो जाएगा?
बोगियों की संख्या बढ़कर 16 हो जाएगी
वंदे भारत को और तेज रफ्तार से चलाने के लिए ट्रैक अपग्रेडेशन का काम तेजी से किया जा रहा है. इसके बाद वंदे भारत को 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलाया जा सकेगा. दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा ट्रैक पर कई सुधार हो रहे हैं. चेयर कार वाली वंदे भारत एक्सप्रेस में 8 बोगियां लगी होती हैं. लेकिन स्लीपर वंदे भारत में बोगियों की संख्या बढ़कर 16 हो जाएगी. हर महीने आईसीएफ (ICF) में छह से सात ट्रेनों के निर्माण का काम चल रहा है.
प्रत्येक स्लीपर वंदे में 857 बर्थ होंगी
स्लीपर वंदे भारत में AC1, AC2 और AC3 कोच होंगे. प्रत्येक स्लीपर वंदे में 857 बर्थ होंगी. इनमें से 823 यात्रियों के लिए रिजर्व होंगी. हर कोच में तीन शौचालय और एक मिनी पेंट्री होगी. स्लीपर वंदे भारत के इंटीरियर के पहले लुक के बारे में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि केबिन की सीढ़ियों को डिजाइन करते समय यह ध्यान रखा गया है कि यात्री बर्थ पर चढ़ते समय छत से न टकराएं. ट्रेन की स्लीपर बर्थ ज्यादा आराम देती है. ऊपर तक की बर्थ पर चढ़ने में यात्री को किसी तरह की परेशानी नहीं होगी.
बेहतर सस्पेंशन और केबिन लाइटिंग होगी
रेल मंत्रालय की तरफ से बताया गया कि स्लीपर वंदे भारत में बेहतर सस्पेंशन और केबिन लाइटिंग होगी. यात्रियों की प्रतिक्रिया के आधार पर आने वाले समय में सुधार किया जाएगा. आने वाले समय में एल्युमीनियम बॉडी के कोच लाए जाएंगे. वजन में हल्के होने के कारण इन कोच से ट्रेन की रफ्तार बढ़कर 220 किमी प्रति घंटा तक हो जाएगी. सरकार की प्लानिंग अगले तीन साल में वंदे भारत एक्सप्रेस की संख्या बढ़ाकर 500 तक करने की है. इसके अलावा 2047 तक इन ट्रेनों की संख्या 4,500 करने का है. वंदे भारत से सफर में कम समय लगेगा और यात्रा भी किफायती होगी.