स्मार्ट प्रीपेड मीटर ज्यादा तेज घूमता है, हम नहीं लगाएंगे, अब बिजली विभाग ने लगाई गजब की तरकीब
ग्रामीण इलाके में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने में जुटी कंपनियों की कहानी काफी रोचक है। ग्रामीण इन कंपनियों को यह कहकर अपने घर में प्रवेश देने में आनाकानी कर रहे कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर ज्यादा तेज घूमता है, नहीं लगाएंगे।
बिजली विभाग के कर्मचारी ने गजब की लगाई तरकीब
इस रोक-टोक के बीच स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनियों ने यह रास्ता निकाला है कि पारंपरिक मीटर के समीप ही हफ्तेभर के लिए स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगा दे रहे। यह कहा जा रहा कि पुराने मीटर की रीडिंग से नए मीटर की रीडिंग मिला लीजिए।
यह समझ में आ जाएगा कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर तेज नहीं दौड़ता है। एक साथ घर में दो-दो मीटर आम तौर पर यह होता है कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने आई संबंधित कंपनी की टीम अपने साथ पारंपरिक मीटर को ले जाती है, पर ग्रामीण इलाके में ऐसा नहीं हो रहा।
एक हफ्ते बाद फिर पुराने मीटर को हटा दिया जाएगा
बड़ी मुश्किल से घर में प्रवेश कर स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने पहुंची टीम स्मार्ट प्रीपेड लगाने के साथ-साथ पुराने मीटर को भी रहने देती है। उसकी रीडिंग नोट की जाती है। यह उपभोक्ता को दे दिया जाता है। यह कहा जाता है कि हफ्ते भर बाद आकर रीडिंग देखेंगे। दोनों मीटर की रीडिंग सामान्य रहने पर पुराने मीटर को हटा दिया जाएगा।
इस वजह से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनी, ग्रामीण इलाके में एक गांव में दो-दो बार जा रही। कंपनियों ने जिले में खोल लिया है दफ्तर स्मार्ट प्रीपेड लगाने वाली कंपनियों ने जिले में अपना दफ्तर खोल लिया है। वहीं से नियमित रूप से इसकी मानीटरिंग हो रही कि गांव में किस तरह से स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जा रहे है।
बिजली कंपनी के अधिकारी भी खुद गांव का दौरा कर रहे
स्थानीय स्तर पर बिजली कंपनी के डिवीजन के माध्यम से भी इसकी मानीटरिंग हो रही। गांव में बिजली कंपनी के आला अधिकारी भी पहुंच रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर से जुड़ी कहानी कहीं लक्ष्य को प्रभावित न कर दे इसे ध्यान में रख बिजली कंपनी के आला अधिकारी खुद पूरी टीम के साथ गांवों का दौरा कर रहे।
वह लोगों को समझाते हैं कि किस तरह से स्मार्ट प्रीपेड मीटर से उनका फायदा है। कुछ पर्चे भी इस संबंध में तैयार किए गए हैं कि स्मार्ट प्रीपेड मीटर का क्या फायदा है।
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