हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर 5 मई को अपना जन्मदिन मना रहे हैं। 5 मई 1954 को मनोहर लाल खट्टर का जन्म पंजाब-हरियाणा के विभाजन के बाद निंदाना में हुआ था, जो वर्तमान में हरियाणा के रोहतक जिले में पड़ता है। 70 साल के हो चुके मनोहर लाल खट्टर का शुरुआती जीवन और उनका राजनीतिक जीवन, दोनों की कमाल का रहा है। पढ़ाई में होनहार मनोहर लाल खट्टर एक समय सब्जी बेचने का काम किया करते थे। खट्टर ने भारतीय राजनीतिक के उन नेताओं में से एक हैं, जिन्होंने अबतक शादी नहीं की और आजीवन शादी न करने की शपथ ली।

पढ़ाई में कैसे थे मनोहर लाल खट्टर

मनोहर लाल खट्टर की शुरुआती पढ़ाई गांव के ही आनंदपुर हाईस्कूल से हुई। ऐसा कहा जाता है कि वो गणित में बहुत अच्छे थे। साथ ही शिक्षा के प्रति उनकी रूचि भी काफी थी। यही वजह रही कि वो कई बार अपने क्लास के मॉनिटर भी बनाए जाते थे। बता दें कि मनोहर लाल खट्टर हरियाणा की राजनीति के पहले गैर जाट मुख्यमंत्री थे। साल 1947 में उनका परिवार विभाजन के बाद पाकिस्तान से निंदाना गांव में आकर बस गया था। खट्टर के पिता और दादा दूसरों के खेतों में मजदूरी का काम किया करते थे। हालांकि समय बदला और उनके परिवार ने अपनी जमीन खरीदी और फिर अपनी जमीन पर खेती करने का काम शुरू कर दिया। मनोहर लाल खट्टर के कुल 5 भाई थे। अपने सभी भाईयों में मनोहर लाल सबसे बड़े थे। यही कारण थी कि परिवार की आर्थिक जिम्मेदारियों को बोझ भी उनके उपर था।

सब्जी बेचने और शादी न करने की कहानी

ऐसा कहा जाता है कि मनोहर लाल खट्टर के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। ऐसे में उनके पिता हरवंश लाल खट्टर जीवनयापन करने के लिए सब्जियों को उगाने का काम करते थे। इस बीच जब मनोहर लाल स्कूल से वापस आते तो वो अपने पिता के काम में हाथ बंटाते थे। पहले वो खेतों में जाकर सब्जियों को तोड़ते और सुबह साइकिल पर उन सब्जियों को रोहतक की मंडी में ले जाकर बेचा करते थे। सब्जियों के बिक जाने के बाद ही मनोहर स्कूल जाते थे। जब मनोहर लाल ने 10वीं कक्षा पास की तो परिवार की आर्थिक सहायता को पूरी करने के लिए उन्होंने दुकान भी डाली।

इसके बाद जीवन आगे बढ़ता है और मनोहर लाल खट्टर पहुंच जाते हैं दिल्ली विश्वविद्यालय। यहां से उन्होंने ग्रेजुएशन की पढ़ाई की और इसी दौरान वे राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़ गए। साल 1977 में जब उनकी आयु 24 वर्ष थी तो उन्होंने आरएसएस की सदस्यता ले ली। 27 साल की आयु तक उन्हें संघ में प्रचारक के रूप में खूब ख्याति मिली। इस दौरान मनोहर लाल खट्टर पर उनके परिवार का दबाव पड़ने लगा कि वो शादी कर लें। लेकिन संघ की प्रमुखता के कारण मनोहर लाल खट्टर ने कभी शादी न करने की शपथ ली। इसके बाद वह संघ के लिए लगातर 14 वर्षों तक काम करते रहे। इसके बाद साल 1994 में वो भाजपा में शामिल हो गए। इस दौरान उन्हें हरियाणा भाजपा का महासचिव बनाया गया।

2014 में पहली बार चुनाव लड़े मनोहर लाल खट्टर

संघ और भाजपा के लिए सालों तक काम करने के बाद पहली बार साल 2014 में मनोहर लाल खट्टर ने विधानसभा का चुनाव लड़ा। दरअसल हरियाणा में इस वक्त जाटों के दिग्गज नेता माने जाने वाले भूपिंदर सिंह हुड्डा की सरकार थी। साल 2014 में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में पहली बार मनोहर लाल खट्टर चुनाव लड़े। उन्हें और भाजपा दोनों की ही हरियाणा में जीत मिली। खट्टर ने हुड्डा को हराकर अपनी सरकार बनाई। इसके बाद उन्हें राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया। इसके बाद 2019 में हुए विधानसभा चुनावों में फिर से भाजपा ने मनोहर लाल खट्टर के नेतृत्व में जीत हासिल की। इस जीत के बाद मनोहर लाल खट्टर को दोबारा हरियाणा का मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि वर्तमान में मनोहर लाल खट्टर करनाल लोकसभा सीट से भाजपा के प्रत्याशी हैं।


Discover more from The Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts to your email.

Adblock Detected!

Our website is made possible by displaying online advertisements to our visitors. Please consider supporting us by whitelisting our website.