कहीं एक्शन में नजर आए DM तो कहीं MLA ने लगाया सरकारी निर्देश की धज्जियां उड़ाने का आरोप

IMG 3860 jpeg

आपने अक्सर यह सुना या पढ़ा होगा कि किसी भी जिले का सबसे बड़े ऑफिसर वहां के डीएम होते हैं। आसान भाषा में कहें तो उन्हें एक जिले का मालिक कहा जाता है। लेकिन क्या कभी आपने सुना है कि किसी काम को लेकर डीएम ने निर्देश दिया और उसके बाद भी उनसे जूनियर अधिकारी उनकी बातों को नजरअंदाज करें? अब बिहार के दो जिलों में ऐसा देखने को मिला है कि डीएम साहब ने किसी काम को लेकर अपने जूनियर अधिकारियों को निर्देश दिया बावजूद उसके डीएम साहब के आदेश का कोई असर नहीं दिखा। ऐसी घटना कोई एक जिले में नहीं बल्कि दो जिले में हुई है। इसमें पहली घटना गया की है तो दूसरी घटना अरवल की है।

जानकारी के मुताबिक, गया में इन दिनों पितृपक्ष मेले की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर हर तरह की व्यवस्था पर वहां के डीएम खुद नजर बनाए हुए हैं। लेकिन, कल एक ऐसा वाकया देखने को मिला कि डीएम साहब अपने निर्देश का पालन नहीं होता देख गुस्सा हो गए। वहां देर रात डीएम साहब मेला स्थल का निरिक्षण करने निकल गए, तभी उनको रास्ते में काफी अंधेरा मिला और फिर वो गुस्सा हो गए और जमकर फटकार लगाई।

गया के डीएम डॉक्टर त्यागराजन ने रात 12:00 बजे तक घूम कर मेला और आसपास क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने खासकर रात में रोशनी की व्यवस्था देखी। इसके साथ ही इस बात की सही जानकारी ली की उनके पास जो रिपोर्ट आ रही है तैयारी को लेकर वह जमीनी स्तर पर है भी या नहीं। इस दौरान उन्हें जहां भी कमी नजर आई उसको सही करवाया और लापरवाही करने वाले लोगों को फटकार भी लगाया।

उधर, अरवल में डीएम पर ही सरकारी निर्देश की अनदेखी करने का आरोप लगाया जा रहा है। यह आरोप कोई आम नहीं बल्कि एक विधायक लगा रहे हैं। अरवल के विधायक महानंद सिंह ने डीएम द्वारा सदर अस्पताल में सीटी स्कैन मशीन के उद्घाटन पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि डीएम सरकार के निर्देश की अवहेलना कर रहीं हैं। उन्होंने कहा कि प्रभारी मंत्री की भी इस मामले में उपेक्षा की गई। भाजपा के कोई दबंग मंत्री होते तो डीएम शायद ऐसा कदम नहीं उठा पातीं।

विधायक ने कहा कि सरकार के सचिव ब्रजेश मेहरोत्रा ने एक पत्र जारी किया है कि किसी भी क्षेत्र में कोई भी प्रशासनिक अधिकारी या उनकी पत्नी विकास योजनाओं का उद्घाटन नहीं करेंगे एवं किसी शिलापट पर अपना नाम अंकित नहीं करेंगे। यदि आवश्यकता हुई तो उसे क्षेत्र के मंत्री या सांसद या क्षेत्रीय विधायक या क्षेत्रीय पार्षद शिलापट रखेंगे या उद्घाटन करेंगे। यदि कोई बड़ी योजना हुई तो अनुरोध प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री शिलापट रखेंगे या उद्घाटन करेंगे। लेकिन, अरवल में विकास योजनाओं का शिलापट यहां के डीएम द्वारा लगाया जा रहा है और उद्घाटन किया जा रहा है, जो कहीं से उचित नहीं है।

Recent Posts