कांग्रेस संसदीय दल की बैठक का आज आयोजन किया गया। इस बैठक में सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल का अध्यक्ष चुना गया है। इस मीटिंग में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने भाग लिया, जिसमें सर्वसम्मति से सोनिया गांधी के नाम पर फैसला लिया गया।
लोकसभा चुनाव 2024 के खत्म होने के बाद सरकार बनाने के लेकर नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को शुक्रवार को प्रस्ताव दिया। नरेंद्र मोदी 9 जून को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने वाले हैं। इस बीच 9 जून को कांग्रेस संसदीय दल की बैठक सदन की सेंट्रल में आयोजित की गई। इस बैठक में भाग लेने के लिए कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता पहुंचे। कांग्रेस नेता अजय माकन, कार्ति चिदंबरम पहुंच चुके हैं समेत कई अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुएं। इस दौरान कार्ति चिदंबरम ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भारत के लोगों ने अपनी बात कह दी है। वे एक सलाहकार सरकार चाहते हैं। वे एक सहयोगी सरकार चाहते हैं। वे नहीं चाहते कि किसी को भी स्वतंत्र रूप से काम करने दिया जाए।
क्या बोले कार्ति चिदंबरम
कार्ति चिदंबरम ने कहा कि जनता ऐसी संसद चाहती है जिसमें मुद्दों पर चर्चा और बहस की जाए, न कि चीजों को दबा दिया जाए और उन्हें दबा दिया जाए। मैं सहमत हूं कि उन्हें (राहुल गांधी) को विपक्ष का नेता होना चाहिए। क्योंकि वे हमारी पार्टी का चेहरा हैं। हमारी पार्टी भारत में सबसे बड़ी पार्टी है। उन्हें विपक्ष का नेता होना चाहिए। बता दें कि इस बैठक में भाग लेने के लिए शशि थरूर भी पहुंच चुके हैं। बता दें कि इस बैठक में गौरव गोगोई, तारिक अनवर और के सुधाकरन ने सोनिया गांधी के नाम का समर्थन किया। बता दें कि इस बैठक में सोनिया गांधी को सीपीपी का अध्यक्ष चुना जा चुका है।
वायनाड सीट छोड़ेंगे राहुल गांधी: सूत्र
वहीं सूत्रों के हवाले से यह खबर सामने आ रही है कि राहुल गांधी रायबरेली लोकसभा सीट को अपने पास रखेंगे। वहीं वायनाड़ की सीट से वह इस्तीफा दे देंगे। बता दें कि यूपी में इंडी गठबंधन को मिले समर्थन को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस की यूपी इकाई चाहती है कि रायबरेली की सीट राहुल गांधी न छोड़ें। हालांकि इस दावे की अबतक कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है लेकिन सूत्रों की मानें तो राहुल गांधी वायनाड सीट से इस्तीफा दे देंगे और रायबरेली सीट को अपने पास रखेंगे।