कल्पना कीजिए, केवल आठ दिनों के लिए अंतरिक्ष यात्रा पर गए दो अंतरिक्ष यात्री, लेकिन तकनीकी समस्याओं के कारण नौ महीने से अधिक समय से अंतरिक्ष में फंसे हुए हैं। यह कोई विज्ञान कथा नहीं, बल्कि भारतीय मूल की नासा अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी बुच विल्मोर की वास्तविक कहानी है। उनकी धरती पर वापसी की प्रतीक्षा अब और लंबी हो गई है, क्योंकि स्पेसएक्स के फाल्कन 9 रॉकेट की लॉन्चिंग एक बार फिर तकनीकी खामियों के कारण स्थगित कर दी गई है। लॉन्चिंग में तकनीकी खामी 12 मार्च को फ्लोरिडा के कैनेडी स्पेस सेंटर से स्पेसएक्स का फाल्कन 9 रॉकेट चार नए अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए प्रस्थान करने वाला था। इस मिशन का उद्देश्य सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जगह नए क्रू मेंबर्स को भेजना था, ताकि उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की जा सके। हालांकि, लॉन्च से लगभग 45 मिनट पहले, रॉकेट के ग्राउंड सपोर्ट क्लैम्प आर्म के हाइड्रोलिक सिस्टम में तकनीकी समस्या का पता चला, जिसके कारण लॉन्चिंग को स्थगित करना पड़ा। वापसी की अनिश्चितता इस तकनीकी खामी के कारण सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की वापसी की योजना फिर से अधर में लटक गई है। नासा और स्पेसएक्स ने लॉन्चिंग की नई तारीख की घोषणा नहीं की है, जिससे उनकी वापसी की समयसीमा अनिश्चित हो गई है। नौ महीने की लंबी प्रतीक्षा सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 5 जून 2024 को बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट से ISS के लिए रवाना हुए थे, जहां उन्हें केवल आठ दिनों के मिशन के बाद वापस लौटना था। हालांकि, स्टारलाइनर में तकनीकी समस्याओं के कारण उनकी वापसी संभव नहीं हो सकी, और यह यान सितंबर 2024 में बिना चालक दल के पृथ्वी पर लौट आया। तब से दोनों अंतरिक्ष यात्री ISS पर हैं, जहां उन्होंने 900 घंटे से अधिक समय तक 150 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रयोगों में योगदान दिया है। भावनात्मक विदाई हाल ही में सुनीता विलियम्स ने ISS का कमांड रूसी अंतरिक्ष यात्री अलेक्सी ओवचिनिन को सौंपा। इस दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा, “सबसे मुश्किल हिस्सा यह है कि जमीन पर मौजूद हमारे परिवार और दोस्तों को नहीं पता कि हम कब लौटेंगे। यह उनके लिए एक रोलरकोस्टर की तरह रहा है।” सुनीता ने यह भी संकेत दिया कि यह उनकी आखिरी अंतरिक्ष उड़ान हो सकती है, जिससे वे भावुक हो गईं। आगे की योजना नासा और स्पेसएक्स अब तकनीकी खामियों को दूर करने के लिए काम कर रहे हैं, ताकि क्रू-10 मिशन को जल्द से जल्द लॉन्च किया जा सके। इस मिशन में नासा के ऐनी मैकक्लेन और निकोल आयर्स, जापान के तकुया ओनिशी और रूस के किरिल पेसकोव शामिल होंगे, जो ISS पर पहुंचकर सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की जगह लेंगे। इसके बाद, सुनीता और बुच की वापसी की प्रक्रिया शुरू होगी। सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की अंतरिक्ष से वापसी में आई यह देरी न केवल तकनीकी चुनौतियों को उजागर करती है, बल्कि अंतरिक्ष यात्रियों और उनके परिवारों के धैर्य और समर्पण को भी प्रदर्शित करती है। पूरी दुनिया उनकी सुरक्षित वापसी की प्रतीक्षा कर रही है, और उम्मीद है कि नासा और स्पेसएक्स जल्द ही इस मिशन को सफलतापूर्वक पूरा करेंगे।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.