पटना। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आग्रह पर केंद्र सरकार की पूंजीगत निर्माण के लिए विशेष सहायता स्कीम में वृद्धि की गयी है। बिहार को इस मद में वित्तीय वर्ष 2020-21 में मात्र 843 करोड़ रुपये मिले थे, जिसमें वृद्धि करते हुए बिहार को इस मद में 8814.80 करोड़ रुपये मिले हैं। गुरुवार को इसकी जानकारी उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने दी।
उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया और कहा कि इससे बिहार के विकास कार्यों में तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 से राज्यों के लिए पूंजीगत निर्माण के लिए विशेष सहायता स्कीम की शुरुआत की गयी। वर्ष 2020-21 में इस स्कीम का आकार 15,000 करोड़ रुपये था।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 के केन्द्रीय बजट में राज्यों के वित्त मंत्रियों के साथ बैठक में उन्होंने इस मद की राशि बढ़ाने का सुझाव दिया था, जिसे केंद्र सरकार ने स्वीकार कर लिया है। अब इस स्कीम का आकार पूर्व वर्षों से अधिक करते हुए 1.50 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है। श्री चौधरी ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में पूंजीगत निवेश के लिए राज्यों के लिए विशेष सहायता की योजना को विभिन्न भागों में विभाजित किया गया है। चालू वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिहार सरकार को पूर्व वर्षों की तुलना में अधिक राशि प्राप्त हो रही है।
उन्होंने बताया कि इस योजना के भाग के अन्तर्गत पूंजीगत व्यय से संबंधित केंद्र प्रायोजित स्कीम के राज्यांश मद के वित्त पोषण के लिए प्रस्ताव भेजने वाला बिहार पहला राज्य है, जिसने पूरे देश में सबसे पहले केन्द्र सरकार को प्रस्ताव भेजा। इसके अन्तर्गत बिहार द्वारा भेजे गये 1508.70 करोड़ रुपये के स्कीम की जगह 1238.03 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है और शेष राशि की स्वीकृति भी शीघ्र दिए जाने के संबंध में सूचित किया गया है।