विधानसभा मार्च के दौरान बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के ऊपर हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर बिहार की सियासत गर्म हो गई है। बीजेपी के साथ साथ अन्य विरोधी दल महागठबंधन की सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। इसी बीच दिल्ली से पटना पहुंचे लोजपा (रामविलास) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने सरकार पर जमकर हमला बोला और कहा कि इससे ज्यादा शर्मनाक और निंदनीय और कुछ नहीं हो सकता है।
दिल्ली से पटना पहुंचते ही चिराग पासवान ने आरजेडी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तीखा तंज किया। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले राजद के लोग भी लाठी खाए थे, उस समय तो हाय तौबा मचाया जा रहा था। जब आरजेडी के विधायक को विधानसभा मे मार्शल के द्वारा पकड़ पकड़ के बाहर लाया जा रहा था, उस वक्त यही लोग मुख्यमंत्री को तानाशाह बोलते थे लेकिन सत्ता बदलते ही उनके स्वर बदल गए।
उन्होंने कहा कि जिस राज्य की सरकार उसकी नीतियों से असहमतमत होने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ लाठी चलाने का काम करती है और इतनी बर्बरता से लाठी चलाई जाती है कि उसमें एक व्यक्ति की जान चली जाए यह कहां का न्याय है। जो लोग बार-बार लोकतंत्र की हत्या की बात करते हैं, क्या उनके लिए यह लोकतंत्र की हत्या नहीं है? सही मायने में लोकतंत्र की खूबसूरती वहीं होता है जहां सत्ता पक्ष के सामने विपक्ष अपनी बातों को मजबूती से रख सकें।
चिराग पासवान ने कहा कि यह कैसा लोकतंत्र है जहां सरकार हर किसी के आवाज को दबाने की कोशिश करती है। इससे ज्यादा निंदनीय और शर्मनाक किसी भी राज्य के लिए और कुछ नहीं हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदारी लेनी होगी। वे प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं, उन्हें जिम्मेदारी लेनी होगी और जवाबदेही तय करनी होगी। कल जिस तरह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता की लाठीचार्ज से हत्या हुई उसमें जो भी दोषी हो उस पर सख्त से सख्त कार्रवाई हो।
वहीं ललन सिंह के यह कहने पर कि बीजेपी नेता विजय सिंह की मौत हार्ट अटैक से हुई है, इसपर चिराग ने कहा कि ललन सिंह इस घटना की कितना लीपापोती करेंगे। इतनी बड़ी घटना घट जाती है और मुख्यमंत्री को कोई फर्क पड़ता नहीं है। आज तक किसी पीड़ित परिवार से मुख्यमंत्री ने मिलना जरूरी नहीं समझा। नीतीश कुमार थोड़ी सी तो संवेदना रखें कि राजनीति करते करते इतने उलझ जाएंगे कि कोई व्यक्ति जिए और मरे आपको फर्क नहीं पड़ता।
चिराग ने कहा कि वे मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग नहीं करते क्योंकि जिनको जनता ने ही रिजेक्ट कर दिया हो, तीसरे नंबर की पार्टी बना दिया और जो खुद दूसरे की कृपा पर मुख्यमंत्री बने हुए हैं उनका इस्तीफा क्या मांगना। जिसे जानता नहीं उन्हें रिजेक्ट कर दिया है उनके इस्तीफे की क्या जरूरत है। वहीं एनडीए में शामिल होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पत्र मिला है। 18 तारीख को होने वाली एनडीए बैठक में उन्होंने लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को एक अहम सहयोगी के तौर पर बुला है। आज पार्टी के तमाम बड़े साथियों के साथ चर्चा होगी, उसके बाद ही फैसला लिया जाएगा कि बैठक में जाना है या नहीं जाना है।