कुर्की-जब्ती और जांच तेज करें : डीजीपी विनय कुमार
पटना। बिहार के पुलिस महानिदेशक विनय कुमार ने कानून व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए 24 बिंदुओं पर आवश्यक कार्रवाई करने की हिदायत दी है। पुलिस मुख्यालय से बुधवार को मिली जानकारी के अनुसार, दर्ज कांडों के अनुसंधान की जिम्मेदारी संभाल रहे अनुसंधान पदाधिकारी (आईओ) के मूल्यांकन की व्यवस्था तक की है।
समय पर कार्रवाई, सही अनुसंधान या अनुसंधान में गुणवत्ता नहीं रखने वाले आईओ पर न सिर्फ निलंबन की तलवार चलेगी, बल्कि उनका प्रमोशन भी अटकेगा। करीब नौ वर्षों तक सीआईडी की जिम्मेदारी संभाल चुके वर्तमान डीजीपी विनय कुमार ने इस संबंध में जिलों को कड़े निर्देश जारी किये हैं। इसके साथ ही डीजीपी ने लगभग दो दर्जन बिंदुओं पर सही ढंग से कार्रवाई को लेकर आईजी, डीआईजी एवं एसपी स्तर के पदाधिकारियों को पत्र लिखा है। अनुसंधान पदाधिकारियों के कार्य का मूल्यांकन अब तीन स्तरों पर होगा। इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तक को भेजी जाएगी। अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिसिंग को लेकर डीजीपी ने सभी बिंदुओं पर कार्रवाई के लिए अलग-अलग अधिकारियों को जिम्मेवारी सौंपी है।
उन्होंने गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान व साक्ष्य संकलन पर वरीय अधिकारियों को नजर रखने की हिदायत दी है। उन्होंने कहा कि पुलिस के अनुसंधान पर ही पीड़ित को त्वरित न्याय मिलेगा। अपराधियों को कोर्ट से सजा होगी। यदि अनुसंधान की गुणवत्ता ठीक नहीं रही तो अपराधी कोर्ट में इसका लाभ उठाएंगे। डीजीपी ने निर्देश दिया कि जमानत पर रहते हुए अवांछित गतिविधियों में शामिल हो रहे अपराधियों की जमानत तत्काल रद्द कराई जाय। अपराधियों में खौफ पैदा करने के लिए कुर्की जब्ती व संपत्ति अटैचमेंट की कार्रवाई हो। आगामी चुनाव के मद्देनजर उन्होंने गुंडा रजिस्टर को अपडेट करने का निर्देश दिया। डीजीपी ने कहा कि गृहभेदन के डॉग स्क्वायड से घटनास्थल की जांच कराना जरूरी है। इसी तरह, झपटमारी एवं चोरी को रोकने के लिए समान प्रवृति के कांडों का ग्रुप सुपरविजन जरूरी है। डीजी, रेंज व जिला कंट्रोल रूम को प्रभावकारी बनाने व तीनों में आपसी समन्वय रखने का निर्देश दिया गया। उन्होंने निर्देश दिया कि जमादार से एसपी स्तर तक के अधिकारी दिवा-गश्ती, संध्या एवं रात्रि गश्ती को प्राथमिकता देंगे।
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