बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व और मुख्य सचिव, बिहार सरकार, अमृत लाल मीना के प्रभावी मार्गदर्शन में, बिहार सरकार ने गया में महत्वाकांक्षी इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (IMC) परियोजना को गति देने के लिए “बिहार इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग सिटी गया लिमिटेड” (BIMCGL) नामक विशेष प्रयोजन वाहन (SPV) का गठन किया है।
12 नवंबर, 2024 को पटना में एक समझौता समारोह आयोजित हुआ था, जहां BIADA और NICDC ने शेयरधारक समझौता (SHA) पर हस्ताक्षर किए, और NICDC व बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने राज्य समर्थन समझौता (SSA) पर हस्ताक्षर किए।
इस SPV का संचालन राज्य और केंद्र सरकार के प्रतिनिधित्व वाले एक बोर्ड द्वारा किया जाएगा, जिसमें कुल छह निदेशक होंगे। इसमें राज्य और केंद्र सरकार से तीन-तीन निदेशक शामिल होंगे। BIADA के प्रबंध निदेशक BIMCGL के CEO एवं MD होंगे।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार के विकास में औद्योगिक विकास को एक प्रमुख स्तंभ के रूप में प्राथमिकता दी है। उनका ध्यान अनुकूल कारोबारी माहौल, कौशल विकास और बुनियादी ढांचे के विकास पर केंद्रित है, जिसने राज्य में निवेश आकर्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
मुख्य सचिव अमृत लाल मीना ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाने और सरकारी नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनकी नेतृत्व क्षमता IMC गया परियोजना की प्रगति को सुगम बनाने में और विभिन्न विभागों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने में सहायक रही है।
“यह बिहार के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है,” बिहार के उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा ने कहा। “BIMCGL का गठन सरकार की इस परियोजना को जल्दी पूरा करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाने और प्रक्रियाओं को सरल बनाकर, हम आश्वस्त हैं कि निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होगा।”
BIADA के प्रबंध निदेशक कुंदन कुमार ने कहा कि यह मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर बिहार को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने बताया कि यह परियोजना राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर पैदा करेगी और बिहार के संसाधनों व कौशल का प्रभावी उपयोग करेगी।
2024-25 के केंद्रीय बजट और उसके बाद कैबिनेट से मंजूरी प्राप्त IMC गया परियोजना से लगभग 1,09,000 नौकरियां सृजित होने और ₹16,000 करोड़ का निवेश आकर्षित होने की संभावना है, जो राज्य की अर्थव्यवस्था को बड़ा प्रोत्साहन देगा।
इस परियोजना के अंतर्गत निम्नलिखित बुनियादी ढांचा विकास किया जाएगा:
- 29.89 किलोमीटर लंबा आंतरिक सड़क नेटवर्क
- आधुनिक पावर सबस्टेशन
- उन्नत जल आपूर्ति और सीवेज उपचार प्रणाली
- एकीकृत अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं
- कौशल विकास केंद्र
- वाणिज्यिक स्थान और प्रशासनिक कार्यालय
रणनीतिक कनेक्टिविटी इस परियोजना की मुख्य विशेषता है। यह क्लस्टर गया जंक्शन, प्रमुख राष्ट्रीय राजमार्गों और आगामी न्यू पहाड़पुर रेलवे स्टेशन के पास स्थित है, जिससे हल्दिया पोर्ट और पटना के गइघाट व वाराणसी के रामनगर जैसे इनलैंड टर्मिनलों तक उत्कृष्ट पहुंच सुनिश्चित होती है।
भूमि पहले से ही राज्य सरकार के पास है और सभी आवश्यक अनुमतियां पूरी हो चुकी हैं। IMC परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास को गति देने और पूर्वी भारत में एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र के रूप में राज्य को स्थापित करने के लिए तैयार है।