BiharPatna

1 लाख लोन लेकर शुरू किया कारोबार, अब हर महीने कर रहा 6 करोड़ का टर्नओवर

अपने झड़ते हुए बालों को लेकर देश की बड़ी आबादी परेशान रहती है. बाल झड़ने की समस्या को लेकर लोग रोज डॉक्टर के चक्कर लगाते मिलेंगे. लेकिन किसी के लिए झाड़ा हुआ बाल वरदान साबित हो रहा है. कटिहार के गौरव के जीवन में झड़ा हुआ बाल सफलता का मूल मंत्र है.

मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ जन्म: कटिहार जिला के हल्खा प्रखंड के पोठिया गांव का रहने वाला गौरव आज चर्चा का केंद्र बना हुआ है. गौरव का जन्म एक परिवार एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. गौरव के पिता जी गांव में ही रहकर दुकान चलाते थे. इसके अलावे वे खेती भी करते थे. गौरव 2 भाई और 3 बहन हैं. सभी भाई बहन में गौरव सबसे बड़ा है. इसकी प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही सरकारी विद्यालय में हुई.

बचपन से ही पढ़ने में मेधावी: गौरव की प्रारंभिक शिक्षा गांव के ही पोठिया स्थित सरकारी स्कूल से हुई. गांव के ही सरकारी हाई स्कूल से उसने 2008 में मैट्रिक की परीक्षा पास की. 2010 में कटिहार के बी एस कॉलेज से उसने इंटर की परीक्षा पास की. आगे की पढ़ाई के लिए उसने दिल्ली जाने का फैसला किया. दिल्ली के रामजस कॉलेज में मैथमेटिक्स ऑनर्स में उसका दाखिला हुआ. दिल्ली के रामजस कॉलेज से उसने ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल की.

45 दिन की नौकरी: ग्रेजुएशन की डिग्री हासिल करने के बाद 2017 में गौरव ने दिल्ली के ही एक होजरी कंपनी में अकाउंटेंट की नौकरी शुरू की. 16000 रु वेतन पर दिल्ली के बदरपुर में नौकरी करने लगा. लेकिन उसे उस काम में मन नहीं लग रहा था. कंपनी में 12 से 13 घंटा काम करवाया जा रहा था.

”अपने लिए वक्त नहीं बच रहा था. एक घंटा मेट्रो से जाना, फिर 12-13 घंटा काम करना फिर एक डेढ़ घंटा लग जाता था घर वापस आने में. यही कारण था कि 45 दिनों में ही फैसला कर लिया कि अब नौकरी नहीं करनी है. जितना मेहनत 16000 की नौकरी के लिए करना पड़ रहा है उतना मेहनत यदि अपने व्यापार के लिए करेंगे तो उससे ज्यादा हम कमा सकते हैं. यही सोच कर होजरी की फैक्ट्री की नौकरी छोड़ दी.”- गौरव, युवा उद्यमी

2017 में कटिहार वापस आया: ईटीवी भारत से बातचीत में गौरव ने बताया कि 2017 में वह दिल्ली से अपने घर कटिहार वापस आ गया. कुछ दिनों के बाद कुछ दोस्तों के साथ घूमने के लिए कोलकाता गया था. वहीं पर मुर्शिदाबाद के ब्रह्मपुर के बेलडंगा के रहने वाले यन्नवी शेख से उनकी मुलाकात हुई. जो वहां पर बालों का कारोबार करता था.

महिलाओं को देखा तो हैरान रह गया: गौरव ने बताया कि वहां जाकर उसने देखा कि बेलडंगा और मेदनीपुर इलाके की महिलाओं का मुख्य पेशा बाल का कारोबार ही है. वहां की महिला अपने घर पर रहकर टूटे बालों की सफाई का काम करती हैं. जिससे वहां की महिलाओं को अच्छी खासी आमदनी हो जाती है.

घर वालों से छुपा कर बालों का कारोबार: मुर्शिदाबाद से आने के बाद गौरव ने फैसला किया कि वह भी बिहार में रहकर बालों का कारोबार करेगा. बिहार आकर उसने यह पता किया कि उसे टूटे एवं झड़े हुए बाल कहां से मिलेंगे. उसने सैलन एवं ब्यूटी पार्लर के अलावा कचरा बिनने वाले लोगों से संपर्क किया. उसने ब्यूटी पार्लर एवं कचरा बिनने वालों से बाल खरीदने का फैसला किया.

”मुझे नहीं मालूम था कि बाल खरीदने के लिए कितने पैसे की जरूरत होगी. जब घर वालों को बाल के बिजनेस के बारे में बताया तो घर वाले तैयार नहीं हुए. परिवार वालों का कहना था कि यह बिजनेस किस तरीके का है. समाज के लोग भी हसेंगे कि आपका बेटा क्या कर रहा है. पिताजी ने कहा कि दिल्ली के प्रतिष्ठित कॉलेज से मैथमेटिक्स से ग्रेजुएशन करवाने के बाद उन्होंने नहीं सोचा था कि उनका बेटा नौकरी के बदले यह टूटे-फूटे बाल का धंधा करेगा.”- गौरव, युवा उद्यमी

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से लिया लोन: बातचीत में गौरव ने बताया कि व्यापार शुरू करने के लिए पूंजी नहीं थी. लेकिन मन में ठान लिया था कि व्यापार शुरू करना है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना से 1लाख रुपया लोन लिया और नवंबर 2017 में बालों का व्यापार शुरू किया. पहले कटिहार जिले के ब्यूटी पार्लर एवं कचरा साफ करने वाले लोगों से बाल खरीद कर कोलकाता भेजा. इसके बाद उन्होंने कटिहार के बाहर से भी बाल खरीदना शुरू किया.

अयांश हेयर इंटरनेशनल की शुरुआत: गौरव ने बताया कि कटिहार से पहली बार जब कोलकाता माल भेजे थे तो उनके पार्टनर को यह पसंद आया. फिर उसने अयांश हेयर इंटरनेशनल नाम से कंपनी खोली. इसके बाद उन्होंने कटिहार के बाहर भी आदमी रखना शुरू किया. बिहार के 38 जिले में 70 आदमी फेरी वाले एवं ब्यूटी पार्लर से उनके लिए बाल कलेक्ट करते हैं. इन 70 लोगों को वह पूरी सुविधा देते हैं ताकि हिफाजत से उनके पास तक बाल पहुंच सके. गौरव ने बताया कि ब्यूटी पार्लर के बाल की कीमत कम होती है लेकिन आम लोगों के झड़े हुए बाल की कीमत अधिक होती है.

बेकार हुए बाल की कीमत: गौरव ने बताया कि 2017 में जब उसने बालों का कारोबार शुरू किया था उस समय फेरी वालों से 2500 रु किलो बाल खरीदता था. जबकि 1800 से 2000 रु किलो ब्यूटी पार्लर से माल खरीदता था. गौरव ने बताया कि जितना लंबा बाल होगा उसे बाल की कीमत इतनी अधिक होती है. यही कारण है कि झड़े हुए बाल की कीमत ब्यूटी पार्लर के बाल से अधिक होती है.

”जब व्यापार बढ़ने लगा और उनके साथ पूरे बिहार से लोग जुड़ने लगे तो उनको भी इस व्यापार में मन लगने लगा. बिहार के हर एक जिला में मेरे दो-दो लड़के काम कर रहे हैं. जिनका काम बालों को कलेक्ट कर कटिहार तक पहुंचना है.”- गौरव, युवा उद्यमी

टूटे हुए बाल पर कोई टैक्स नहीं: गौरव ने बताया कि टूटे हुए बाल पर सरकार कोई टैक्स नहीं लगाती है. क्योंकि वेस्टेज माल में इसकी गिनती होती है. हर मुहल्ले के फेरी वाला टूटे केश को इक्कठा करता है और उसे अच्छी कीमत पर बेचता है.

”गर्मी के सीजन में बिजनेस मंदा होने लगता है क्योंकि गर्मी के महीने में बाल झड़ना कम हो जाता है. जैसे ही ठंड की सीजन शुरू होती है बिजनेस धीरे-धीरे बढ़ने लगता है. कारण है कि ठंड के सीजन में बाल अधिक मात्रा में गिरने लगता है.”- गौरव, युवा उद्यमी

बिहार के बाहर व्यापार: गौरव ने बताया कि बिहार के 38 जिलों में व्यापार में ठीक रिस्पॉसन मिलने के बाद बिहार के बाहर भी उन्होंने व्यापार शुरू करने का फैसला किया. आज बिहार के अलावे उत्तरप्रदेश, झारखंड, असम, उड़ीसा, जम्मू कश्मीर से माल की सप्लाई होती है. हर इलाके के बाल का अलग अलग रेट है.

250 लोगों को दिया रोजगार: आज गौरव की कंपनी बिहार के अलावा देश के कई राज्यों में अपना व्यापार कर रही है. गौरव ने बताया कि उसकी कंपनी में 40 स्थाई कर्मचारी और 200 से अधिक अस्थाई कर्मचारी हैं. गौरव ने बताया कि हर महीने लगभग 20 लाख रुपए वह वेतन के रूप में इन लोगों के ऊपर खर्च करता है. 12 हजार रु से लेकर 40 हजार रु तक वेतन के रूप में अपने कर्मचारी को देता हैा.

बालों की होती है प्रोसेसिंग: अयान हेयर इंटरनेशनल एवं पायल हेयर इंटरनेशनल उनके और उनके पार्टनर का कटिहार एवं कोलकाता में कंपनी है. बिहार एवं बाहर से आए हुए बालों को दो जगह प्रोसेसिंग की जाती है. कटिहार एवं बंगाल के बेलडांगा में जहां इनके और उसके पार्टनर की ऑफिस से वहां पर बालों की प्रोसेसिंग की जाती है. बालों की प्रोसेसिंग के बाद इनको विदेश भेजा जाता है. चीन, ताइवान, अमेरिका, म्यांमार, बांग्लादेश में माल की सप्लाई होती है.

हर महीने 150 टन बाल का धंधा: गौरव ने बताया कि वे दो पार्टनर हैं 100 से 150 टन बाल का धंधा उन लोगों का होता है. गर्मी के कारण धंधा कुछ कमजोर हो गया है फिर भी सप्ताह में 2 से 3 टन बाल का कारोबार हो जाता है. पहले सोनाली इंटरनेशनल के साथ काम करते थे तो उस समय सप्ताह से 6 से 7 टन का कारोबार करते थे. इस धंधे में यदि पूंजी है तो मुनाफा भी बहुत होता है. गौरव ने बताया कि माल डिलीवरी के 2 दिनों के बाद कंपनी के तरफ से पैसा मिल जाता है. इसलिए इस धंधे में जिसके पास जितनी पूंजी होती है उसका धंधा उतना ज्यादा बढ़ता है.


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी