उत्तर प्रदेश में एसटीएफ ने एक और इनामी बदमाश मोहम्मद जाहिद को मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। गाजीपुर में पुलिस और नोएडा एसटीएफ ने संयुक्त ऑपरेशन कर एक लाख के इनामी बदमाश को मुठभेड़ में मार गिराया। जाहिद पर शराब तस्करी के साथ-साथ आरपीएफ के दो जवानों जावेद खान और प्रमोद कुमार की नृशंस हत्या का आरोप था। इस मुठभेड़ में पुलिस के दो जवान भी घायल हुए हैं।
19/20 अगस्त की रात में आरपीएफ के दो सिपाहियों जावेद ख़ान और प्रमोद जो ट्रेन नंबर 15631 बाड़मेर गुवाहाटी एक्सप्रेस में अवैध शराब की तस्करी को रोकने का प्रयास कर रहे थे, जिस दौरान शराब तस्करों ने दोनों आरक्षियों को बीभत्स तरीक़े से मारपीट करके चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया था जिसके बाद दोनों आरक्षियों की मृत्यु हो गई थी । इस अभियोग में मोहम्मद जाहिद वंचित चल रहा था और उसपर एक लाख का इनाम घोषित था।
मुठभेड़ में ढेर किया गया बदमाश बिहार के पटना का रहना वाला है। वह गाजीपुर के गहमर इलाके में फिर शराब तस्करी शुरू करने की फिराक में था। पुलिस को भनक लगते ही थाना गहमर, गाजीपुर की पुलिस, जीआरपी और नोएडा एसटीएफ की यूनिट ने मौके पर पहुंचकर उसकी घेराबंद कर ली।
घेराबंदी के दौरान मोहम्मद जाहिद ने फायरिंग शुरू कर दी। फायरिंग में पुलिस के दो जवान घायल हुए हैं। वहीं पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में जाहिद भी गंभीर रूप से घायल हुआ। जिला न्यायालय में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
19-20 अगस्त की रात पंडित दीनदयाल उपाध्याय रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ के जवान दिलदारनगर थाना के देवैथा निवासी मो. जावेद और बिहार के आरा भोजपुर जनपद के करारी थाना के करका निवासी प्रमोद कुमार बाड़मेर-गोवाहाटी एक्सप्रेस से मोकामा ट्रेनिंग सेंटर जा रहे थे।
ट्रेन में सवार होने के चंद घंटे बाद ही उनकी नृशंस तरीके से हत्या कर शवों को दिल्ली-कोलकाता मुख्य रेल मार्ग पर बकैनिया गांव के समीप आठ सौ मीटर के फासले पर अप व डाउन लाइन में फेंक दिया गया। एक का शव पूरी तरह से नग्न था। पैर में सिर्फ मोजा था। दोनों के सिर, पीठ, कोहनी पर चोट के निशान थे।
एनकाउंटर में गिरफ्तार हो चुका है पहले एक आरोपी
हत्याकांड की जांच में जनपद पुलिस के अलावा जीआरपी पीडीडीयू लगी थी। काफी हाथ पैर मारने के बाद पुलिस ने सफलता न मिलते देख नोएडा की एसटीएफ की मदद ली। हत्याकांड की जांच में जुटी पुलिस ने घटना में संलिप्त बिहार के अलग-अलग स्थानों से मुख्य शराब तस्कर प्रेमचंद सहित चार को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में पता चला कि घटना के दिन चेनपुलिंग कर तस्करों ने एसी कोच के बी-3 में शराब चढ़ाई।
तस्करों ने दोनों जवानों की कर दी थी हत्या
इसको लेकर आरपीएफ जवान जावेद ने विरोध किया। इसके बाद तस्करों ने दोनों जवानों की हत्या कर दी और शव को रेलवे ट्रैक किनारे बैकनिया में फेंक दिया। पुलिस प्रेमचंद्र को दोनों जवानों के मोबाइल व अन्य सामानों की बरामदगी के लिए घटनास्थल पर ले गई। आरोप है कि शराब तस्कर प्रेमचंद्र उप निरीक्षक सुरेश मौर्य की पिस्टल लेकर फायर करने लगा। जवाबी कार्रवाई में पुलिस की गोली से वह घायल हो गया। उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।