पटना, बिहार:आख़िरकार, राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) ने एनडीए से नाता तोड़ दिया है। पार्टी अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने ऐलान किया कि अब पार्टी ऐसे गठबंधन के साथ जाएगी, जो उन्हें और दिवंगत नेता रामविलास पासवान को पूरा सम्मान दे। उन्होंने यह भी मांग की कि रामविलास पासवान को ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया जाए।
नीतीश सरकार पर निशाना:
पारस ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था बदहाल है, भ्रष्टाचार चरम पर है और युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा। उन्होंने सरकार पर दलितों और गरीबों की उपेक्षा करने का भी आरोप लगाया।
सियासी समीकरण बदलने के संकेत:
पारस ने यह भी कहा कि आगामी चुनाव में रालोजपा उसी गठबंधन के साथ जाएगी, जो उन्हें और उनकी पार्टी को “पूरा सम्मान” देगा। इस बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है और सियासी समीकरणों के बदलाव के संकेत मिल रहे हैं।
भीतरघात और मतभेद की झलक:
सम्मेलन के दौरान रालोजपा नेताओं ने चिराग पासवान की ओर भी इशारों में टिप्पणी की। पार्टी नेता सुरजभान सिंह ने कहा कि समय आने पर सबकी पोल खोली जाएगी। यह बयान चिराग और पारस गुट के बीच की खाई को और उजागर करता है।
मुख्य मांगे:
- रामविलास पासवान को भारत रत्न देने की मांग
- दलितों को 5 लाख तक की आर्थिक सहायता
- सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सीमा समाप्त न हो
- नीतीश सरकार को सत्ता से हटाने की अपील