गोपालगंज, बिहार।
शादी का घर, खुशियों की चहल-पहल, रिश्तेदारों की भीड़ और नई ज़िंदगी की दहलीज़ पर खड़ी बेटी… लेकिन एक पल ने सब कुछ बदल दिया। गोपालगंज जिले से आई यह दिल दहला देने वाली घटना हर किसी की आंखों को नम कर रही है। बेटी की शादी से महज एक दिन पहले उसके पिता की दर्दनाक मौत हो गई। डोली उठने से पहले अर्थी उठी और खुशियों का माहौल मातम में बदल गया।
क्या है पूरा मामला?
घटना भोरे थाना क्षेत्र के भोरे बाजार की है। मृतक की पहचान सत्यदेव बरनवाल (निवासी: सिसई गांव, गोपालगंज) के रूप में हुई है। उनकी पुत्री अनु की शादी 20 अप्रैल को तय थी और तैयारियों का दौर अपने चरम पर था। परिवार उत्साहित था और घर में चारों ओर रौनक थी।
शनिवार सुबह सत्यदेव बरनवाल अपने दामाद दीपक के साथ शादी की तैयारी के लिए सब्जी खरीदने भोरे बाजार गए थे। तभी अचानक एक तेज आंधी के साथ पेड़ की भारी टहनी टूटकर दोनों पर गिर गई। इस हादसे में सत्यदेव की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दीपक गंभीर रूप से घायल हो गया और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
खुशियां बदल गईं मातम में
जिस घर में बेटी की डोली की तैयारी हो रही थी, वहां अचानक सन्नाटा पसर गया। घर की महिलाएं बेसुध हो गईं, बेटी अनु को संभालना मुश्किल हो गया। जिसने सपने देखे थे कि पिता के हाथों से उसका कन्यादान होगा, अब वो पिता की अर्थी को नम आंखों से देख रही थी।
“पिता की मौत ने सब कुछ छीन लिया… न कन्यादान हो पाया, न शादी की रौनक बची। जो सपना उन्होंने देखा था, वो अधूरा रह गया।” – गांव के एक रिश्तेदार
गांव में छाया मातम
इस दर्दनाक हादसे की खबर जैसे ही गांव में फैली, गांव में शोक की लहर दौड़ गई। घर पर सांत्वना देने वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। बेटी की शादी से पहले पिता का इस तरह चले जाना हर किसी को झकझोर गया।
सवाल भी, सबक भी…
तेज आंधी में पुराने या कमजोर पेड़ों की टहनियां गिरना आम बात होती जा रही है। लेकिन क्या ऐसी घटनाओं से बचा नहीं जा सकता? क्या स्थानीय प्रशासन को इन खतरनाक पेड़ों की समय पर छंटाई नहीं करनी चाहिए? यह हादसा केवल एक परिवार का दुःख नहीं, बल्कि सिस्टम पर भी सवाल है।