बिहार की पुलिस अपने अजब-गजब कारनामें के लिए मशहूर है। मुजफ्फरपुर से पुलिस का एक ऐसा ही कारनामा सामने आया है। मामला मीनापुर थाना से जुड़ा है, जहां दर्ज केस में नाम किसी का और गिरफ्तारी किसी दूसरे शख्स की हो गई। मामला तब उजागर हुआ जब उत्पाद न्यायालय में मामले कि सुनवाई हो रही थी।
उत्पाद न्यायालय के विशेष जज मिथिलेश कुमार ने पुलिस की गलती पर संज्ञान लिया। इस मामले में निर्दोष की गिरफ्तारी पर कोर्ट ने चिंता जताई वहीं आरोपित उर्मिला देवी के वकील ने न्यायालय से इस बेबुनियाद मामले को खत्म करने की मांग की है।
बताया जा रह है कि मीनापुर थाना में दर्ज शराब बेचने के मामले में सुनीता देवी आरोपी है लेकिन पुलिस ने उसे नहीं पकड़ते हुए आरोपी महिला के पति धर्मनाथ राय को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया था। इस मामले में कई बार प्रयास करने के बावजूद आरोपित को जमानत नहीं मिली।
गुरुवार को उत्पाद विभाग के न्यायालय में जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश ने गलत आरोपित को गिरफ्तार करने के मामले पर संज्ञान लेते हुए निर्दोष की जमानत याचिका स्वीकार की। इस दौरान कोर्ट ने पुलिस को जमकर फटकार लगाई। उर्मिला देवी के अधिवक्ता सुमित कुमार ने बताया कि 22 जुलाई 2022 को मीनापुर थानाध्यक्ष को शराब बेचने की गुप्त सूचना मिली थी।
पुलिस को खबर मिली कि मीनापुर थाना क्षेत्र के धर्मपुर गांव निवासी दीपक कुमार और विजय कुमार अवैध रूप से शराब बेचने का काम कर रहे हैं। सूचना के आलोक में जब पुलिस छापेमारी करने पहुंची तो सुनीता देवी पति विद्यानंद विद्यानंद राय को शराब बेचते हुए पाया और इस मामले में आरोपितों के खिलाफ केस दर्ज कर पुलिस ने निर्दोष उर्मिला देवी पति धर्मनाथ राय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।