बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग का अजब कारनामा: नदी की जगह बीच खेत में बना दिया पुल, निजी भूमि पर ब्रिज के निर्माण से उठ रहे सवाल

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बिहार में पुलों के ध्वस्त होने को लेकर हंगामा मचा हुआ है। लगातार पुलों के ध्वस्त होने पर विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है तो दूसरी तरह इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार के साथ साथ एनएचआई और राष्ट्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। इसी बीच अररिया में पुल से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली खबर सामने आई है। ग्रामीण कार्य विभाग के इस कारनामें से इलाके के लोग हैरान हैं।

दरअसल, बिहार में ग्रामीण कार्य विभाग का कारनामा देखकर ग्रामीण दांतों तले ऊंगलियां दबाने को विवश हो गए हैं। विभाग ने लाखों रुपए खर्च कर नदी की जगह पुल का निर्माण बीच खेत में कर दिया है। ग्रामीणों की मानें तो लाखों रुपए की लागत से बने इस पुल की कोई जरुरत नहीं थी। पुल का निर्माण नदी पर होना चाहिए था लेकिन उसकी जगह खेत के बीचोबीच पुल बना दिया गया, जो शोभा की वस्तू बनकर रह गई है।

पूरा मामला रानीगंज विधानसभा अंतर्गत परमानंदपुर सर्द संख्या 6 का है, जहां ग्रामीण कार्य विभाग के द्वारा पुल का निर्माण खेत में करवा दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि लगभग 6 महीने पहले पुल का निर्माण करवाया गया था, जो निजी जमीन पर बनवाया गया है। जिस जगह पर पुल बना है वहां नदी है ही नहीं बल्कि नदी उससे काफी दूर है।

ग्रामीणों ने कहा कि कुछ बिचौलियों की मिलीभगत से उक्त स्थान पर पुल बना दिया गया और उसे सड़क से भी नहीं जोड़ा गया है और न ही अप्रोच का निर्माण करवाया गया है। जिससे पुल किसी काम का नहीं है। एक ग्रामीण ने कहा कि पुल जहां बना है उसके बाद ग्रामीणों की लगभग 500 एकड़ जमीन है। अगर सही ढंग से पुल का निर्माण होता तो ग्रामीण खेतों तक आसानी से पहुंच सकते थे।

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