सब इंस्पेक्टर ने Dream11 पर बनाई टीम और जीत लिए डेढ़ करोड़, खुश हुए ही थे कि लटकी संस्पेंशन की तलवार
किसी की जिंदगी में रातों रात अगर डेढ़ करोड़ रुपए आ जाए तो खुशियों का ठिकाना नहीं होगा। लेकिन महाराष्ट्र के एक एसआई के लिए यह डेढ़ करोड़ रुपए बड़ी मुसीबत बन गए हैं। दारोगा ने Dream11 में टीम बनाई और उसमें बंपर लॉटरी में डेढ़ करोड़ जीत लिए। लेकिन, इसके बाद लोगों ने इसकी शिकायत प्रदेश के डिप्टी सीएम से कर दी। लोगों का कहना था कि एक पुलिसकर्मी का गेमिंग एप में हिस्सा लेना सही नहीं है और इससे गलत मैसेज जाता है। शिकायत पर अब जांच शुरू हो गई है।
यह है पूरा मामला
दरअसल, महाराष्ट्र के पुणे में पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस कमिश्नरेट में तैनात सब इंस्पेक्टर सोमनाथ झेंडे ने पिछले तीन माह से ड्रीम इलेवन (Dream11 ) एप पर टीम बना रहे थे। सब इंस्पेक्टर सोमनाथ झेंडे ने बताया कि इसी बीच बांग्लादेश और इंग्लैंड के बीच हुए मैच में तीन टीमें बनाकर किस्मत आजमाई। किस्मत से उनकी टीम रैंक-1 पर रही और सोमनाथ डेढ़ करोड़ रुपये जीत गए।
सोशल मीडिया पर जाहिर की खुशी
जब सोमनाथ ने मोबाइल पर देखा कि उनकी टीम पहले नंबर पर है और वे डेढ़ करोड़ रुपये जीत चुके हैं, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इतनी बड़ी रकम जीतने के बाद सोमनाथ ने मीडिया के सामने अपनी खुशी का इजहार किया। लेकिन उस समय यह पता नहीं था कि यह खुशी उनके लिए नई मुसीबत का कारण बन जाएगी।
सब इंस्पेक्टर सोमनाथ के डेढ़ करोड़ रुपये जीतने का मामला अब पुलिस महकमे के साथ ही सरकार तक पहुंच चुका है. पुलिस अफसर इस मामले की जांच कर रहे हैं कि किसी सरकारी अधिकारी को इस तरह के गेम खेलने की इजाजत होती है या नहीं. पुलिस उपायुक्त स्वप्ना गोरे को सोमनाथ के मामले की जांच सौंपी गई है।
मामले को लेकर क्या बोले सीनियर पुलिस ऑफिसर?
एक सीनियर पुलिस ऑफिसर ने कहा कि हमने संबंधित अधिकारी को इस मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा है. जांच का दायरा यह होगा कि लॉटरी खेलते समय एक सेवारत सरकारी अधिकारी का आचरण नियमों के अनुसार है या नहीं.
कांस्टेबल ने जीता था एक करोड़
इससे पहले अप्रैल में उत्तराखंड पुलिस के एक कांस्टेबल की किस्मत चमकी थी। यहां समय रुद्रप्रयाग विधायक के गनर की पोस्टिंग पर तैनात पुलिस कांस्टेबल कैलाश रावत ने एक करोड़ की लॉटरी जीती थी। हालांकि उसके खिलाफ उत्तराखंड पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।
बता दें कि देश के किसी राज्य में अभी तक ऐसी कोई गाइडलाइन जारी नहीं की गई है कि गेमिंग एप में कोई पुलिसकर्मी अपनी टीम नहीं बना सकता है। साथ ही गेमिंग एप पर टीम बनाने को लेकर सरकार ने भी प्रतिबंध नहीं लगाया है और इसमें सभी लोगों को टीम बनाने की छूट है।
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