DSP बिलाल की अरेस्टिंग नहीं होने पर भड़के सुधाकर सिंह, गोलीकांड को बताया निरंकुश सरकार और पुलिसिया दमन का नमूना

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रोहतास गोलीकांड के आरोपी ट्रैफिक डीएसपी आदिल बिलाल की गिरफ्तारी नहीं होने पर सवाल उठने लगे हैं। विपक्षी दल इस मामले को लेकर सरकार पर हमलावर बने हुए हैं। पड़ित परिवार से मिलने पहुंचे आरजेडी सांसद सुधाकर सिंह ने रोहतास गोलीकांड को निरंकुश सरकार और पुलिसिया दमन का नमूना बताया है।

दरअसल, सासाराम यातायात डीएसपी आदिल बिलाल एवं बर्थडे पार्टी कर रहे युवकों के साथ झड़प के दौरान पुलिस की गोली से हुई हत्या मामले में शुक्रवार को पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंचे राजद सांसद सुधाकर सिंह ने बिहार सरकार को जमकर कोसा। सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में जिस तरह निरंकुश सरकार चल रही है और जिस तरह पूरे बिहार में पुलिसिया दमन चल रहा है उसका एक नमूना है सासाराम की घटना।

उन्होंने कहा कि एक दुर्दांत पुलिस अधिकारी अपने सरकारी हनक एवं पागलपन में निर्दोष नौजवान की हत्या कर देता है, लेकिन घटना के आठ दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई। जिससे प्रतीत होता है कि इस पूरे मामले में भाजपा के लोग शामिल हैं और इसे रफा दफा करना चाहते हैं। वहीं पुलिस अधिकारी को बचाने के सवाल पर सुधाकर सिंह ने कहा कि जब एक पुलिस अधिकारी पर निर्दोष युवक की हत्या का आरोप है और इस बात को दर्ज एफआईआर में भी स्वीकार किया गया है तो समझ में नहीं आता की पुलिस इसमें क्या जांच करेगी।

आरजेडी सांसद ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए थी और जब तक न्यायिक फैसला नहीं आ जाता तब तक पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर जेल भेजा जाना चाहिए। विरोधियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने जुल्म किया अब वही न्याय के लिए आ रहे हैं। अगर सरकार के लोग दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई करने के बाद परिजनों से मिलते आते तो लगता कि वाकई इन्हें हमदर्दी है, लेकिन सरकार इस पूरे मामले में लीपापोती कर रही है।

सुधाकर सिंह ने कहा कि बिहार में राक्षस और रावण राज चल रहा है। पहले अपराधी लोगों को गोली मारते थे लेकिन अब सत्ता के तंत्र द्वारा हीं लोगों को गोली मारी जा रही है। सुधाकर सिंह के अनुसार 13 दिन शोक का समय होता है इसलिए 13 दिन के अंदर न्याय होना चाहिए अन्यथा इसके बाद सासाराम में विशाल विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। बता दें कि राजद सांसद सुधाकर सिंह शुक्रवार को शिवसागर प्रखंड के सिलारी गांव में बादल हत्याकांड के पीड़ितों से मिलने उनके गांव पहुंचे थे।