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MP बनने के बाद विधायकी से सुधाकर सिंह का इस्तीफा, रामगढ़ उपचुनाव में छोटे भाई हो सकते हैं RJD कैंडिडेट

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कैमूर: अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहने वाले बिहार सरकार के पूर्व कृषि मंत्री और हाल में बक्सर से सांसद बने सुधाकर सिंह ने बिहार विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है. स्पीकर नंदकिशोर यादव से मिलकर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंप दिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर कर कहा कि अब संसद सदस्य के रूप में मेरी जिम्मेवारी बढ़ गई है. अब मुझे रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ पूरे बक्सर लोकसभा में कार्य करना है।

“आप सभी ने मुझे अपना प्रतिनिधि बनाकर मुझे सेवा करने का अवसर प्रदान किया, इसके लिए मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूं. बिहार विधानसभा में अपने कार्यकाल और कृषि मंत्री के रूप में मैंने अपनी पूरी निष्ठा और लगन से काम किया है. मेरा प्रयास रहा है कि मैं आपके हितों को सर्वोपरि रखते हुए क्षेत्र के विकास और जनकल्याण के कार्यों को आगे बढ़ाऊं. आप सभी का आशीर्वाद और सहयोग मुझे हमेशा मिलता रहेगा, इसी आशा के साथ, मैं अपने नए दायित्वों की ओर कदम बढ़ा रहा हूं.”- सुधाकर सिंह, आरजेडी सांसद, बक्सर

कौन हैं सुधाकर सिंह?: राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर बक्सर से सांसद चुने गए सुधाकर सिंह आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष और बक्सर के पूर्व सांसद जगदानंद सिंह के बेटे हैं. इससे पहले उन्होंने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में रामगढ़ सीट से विधायक बने थे. 2020 में जब नीतीश कुमार ने पाला बदलकर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी, तब सुधाकर को बिहार सरकार में कृषि मंत्री बनाया गया था. हालांकि मुख्यमंत्री के खिलाफ बयानबाजी के कारण उन्होंने कुछ ही महीने में पद छोड़ना पड़ा था।

सुधाकर के छोटे भाई का लड़ना तय: वैसे तो अभी तक रामगढ़ उपचुनाव के लिए आरजेडी की तरफ से कैंडिडेट के नाम की घोषणा नहीं हुई है लेकिन माना जा रहा है कि सांसद सुधाकर सिंह के छोटे भाई अजीत सिंह का उम्मीदवार बनाया जाएगा. उन्होंने हाल में जेडीयू छोड़कर ‘लालटेन’ थामा है।

उम्मीदवारी पर क्या बोले अजीत सिंह?: राष्ट्रीय जनता दल में शामिल होने के बाद सुधाकर सिंह के भाई अजीत सिंह ने दावा किया है कि अगर उनको टिकट मिलता है तो वह इस सीट को फिर से आरजेडी की झोली में लाएंगे. उन्होंने कहा, ‘मैं 15 वर्षों से आरेजी के लिए प्रचार करता आया हूं. मैं भरोसे के साथ कह सकता हूं कि रामगढ़ उपचुनाव में भी पार्टी की जीत होगी. मैं हमेशा क्षेत्र के लोगों के सुख-दुख में साझेदार रहा हूं. ऐसे में पार्टी जो भी फैसला लेगी, मैं उसके साथ रहूंगा.’

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