गंगा में सुल्तानगंज-अगुवानी फोरलेन पुल का निर्माण जल्द शुरू होगा। निर्माण एजेंसी मे. एसपी सिंगला पटना हाईकोर्ट में दिए हलफनामे को पूरा करने में जुट गई है। कंपनी ने हाईकोर्ट में हलफनामा दिया था कि वह क्षतिग्रस्त हिस्से की क्षति की भरपाई वह स्वयं करेगी। इसी शर्त पर हाईकोर्ट ने मुकदमे की कार्यवाही से मुक्त किया था। इधर, कंपनी ने एप्रोच रोड समेत अन्य कंस्ट्रक्शन वर्क में तेजी लाई है।
पुल का नया स्ट्रक्चर 2024 में ही दिख पाएगा
अब कंपनी ने बिहार राज्य पुल निर्माण निगम को क्षतिग्रस्त हिस्से के पुनर्निर्माण के लिए तीन विकल्प दिए हैं। इसमें क्षतिग्रस्त पिलरों पर ही नये सिरे से पाइलिंग का विकल्प है। दो अन्य विकल्प भी दिए गए हैं। जिसका कॉस्ट करीब 125-150 करोड़ के बीच का है। जिससे कार्य समाप्ति की अवधि में काफी विलंब होने की भी बात कही गई है। माना जा रहा है कि क्षतिग्रस्त हिस्से की अर्थ पाइलिंग पर ही नये सिरे से ढांचा तैयार हो सके। पूरी कवायद पूर्ण होने में एक-दो माह लगेंगे। इसलिए पुल का नया स्ट्रक्चर 2024 में ही दिख पाएगा।
छठ बाद गंगा से शेष मलबा हटाने का होगा काम
पुल निर्माण निगम, खगड़िया के वरीय परियोजना अभियंता शशि भूषण सिंह ने बताया कि ठेका एजेंसी ने हेडक्वार्टर में तीन विकल्प को लेकर पूरा डाक्यूमेंट जमा किया है। जिस पर मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारी मंथन कर रहे हैं। निगम के चेयरमैन की मंजूरी के बाद मान्य विकल्प पर काम आगे बढ़ेगा। पिछले हफ्ते ही ठेका एजेंसी के अभियंताओं के साथ बैठक कर शेष मलबे को बाहर निकालने को कहा गया है। एजेंसी क्रेन समेत अन्य उपकरण एक-दो सप्ताह के बाद साइट पर गिराने लगेंगे। छठ के बाद मलबा हटाने के काम में तेजी आएगी।
जून में तीन पाया गिरा था जिससे काम रुक गया
बता दें कि 4 जून 2023 की शाम निर्माणाधीन फोरलेन पुल का पाया संख्या 10,11 और 12 क्षतिग्रस्त हो गया। जिसके बाद तीनों पाये पर लगा सेगमेंट गंगा नदी में गिर गया था। जिसको लेकर पटना से दिल्ली तक बड़ा राजनीतिक बवाल उठा था। पुल का निर्माण फरवरी 2015 में शुरू हुआ था। पुल निर्माण का आरंभिक खर्च 1711 करोड़ आंका गया था।
2019 तक पुल निर्माण का लक्ष्य तय किया गया था
पुल बनने के बाद एनएच 31 व एनएच 80 का मिलन होना था। 23 किलोमीटर लंबे और 17 मीटर चौड़े पुल में नदी क्षेत्र में 3.16 किलोमीटर तक सेतु रहेगा। जबकि सुल्तानगंज साइड से 4 किलोमीटर और खगड़िया साइड से 16 किलोमीटर एप्रोच रोड भी कंपनी को बनाना है। पुल में 31 पिलर होंगे। निर्माण का लक्ष्य 2019 तक तय था। लेकिन लगातार तारीख बढ़ती ही गई।