बिहार विधान परिषद में राजद के एमएलसी सुनिल सिंह की सदस्यता समाप्त होने के बाद होने वाले उपचुनाव को लेकर तारीखों का एलान कर दिया गया है। इसके बाद अब सभी राजनीतिक पार्टी अपनी-अपनी तैयारी में लग गई है। इसी कड़ी में अब खबर यह है कि एनडीए के अंदर भी यह तय कर लिया गया है कि यह सीट किसके खाते में जाएगी।
दरअसल, एनडीए की ओर से यह सीट जदयू को देने की सहमति बन गई है। इसके बाद अब सभी दलों की नजर जदयू पर है क्योंकि उन्हें अपना प्रत्याशी घोषित करना है। यह फैसला जदयू के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत हो सकती है। इसके साथ ही इसी साल विधानसभा का चुनाव भी होना ऐसे में जातीय समीकरण का भी ख्याल रखना अहम हो जाता है।
जानकारी हो कि, विधानसभा कोटे की सीट होने के कारण संख्याबल के गणित से राजग के खाते में यह सीट जाना तय है। क्योंकि राजग के पास निर्दलीय लेकर 131 विधायक (मत) हैं।वहीं, आइएनडीआइए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस) के पास 111 विधायक हैं। एआइएमआइएम (आल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन) का एक विधायक है। लिहाजा यदि कुछ बहुत बड़ी राजनीतिक घटना घटित न हो तो एनडीए की जीत तय है।
मालूम हो कि, भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा कोटे की विधान परिषद में रिक्त एक सीट पर मतदान को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया है। आयोग के कार्यक्रम के अनुसार अगर जरूरत पड़ेगी तो मतदान 23 जनवरी को होगा। इससे पहले छह जनवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।
इधर, नामांकन करने की अंतिम तिथि 13 जनवरी निर्धारित की गई है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 14 जनवरी को होगी। नाम वापसी की तिथि 16 जनवरी है।अगर जरूरत पड़ी तो मतदान 23 जनवरी को सुबह नौ बजे से दोपहर चार बजे तक कराया जाएगा। मतगणना उसी दिन शाम पांच बजे से आरंभ हो जाएगी। गौरतलब हो कि विधान परिषद की आचार समिति की अनुशंसा के बाद सुनिल सिंह की सदस्यता 27 जुलाई, 2024 को समाप्त कर दी गई थी। अब नए नवनिर्वाचित सदस्य का कार्यकाल 28 जून- 2026 तक होगा।