दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी है। अपने फैसले में शीर्ष अदालत ने कहा कि “शर्तें ट्रायल कोर्ट द्वारा तय की जाएंगी”। दो न्यायाधीशों की खंडपीठ ने फैसला सुनाया।
जस्टिस उज्जल भुइयां ने सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के समय पर गंभीर सवाल उठाते हुए केंद्रीय एजेंसी द्वारा “देर से की गई गिरफ्तारी” को अनुचित ठहराया।बता दें कि अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को ईडी ने गिरफ्तार किया था । इसके बाद 10 दिनों चली पूछताछ के बाद उन्हें तिहाड़ भेज दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी विशेष अनुमति याचिका में आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड आदेशों को चुनौती दी थी, साथ ही भ्रष्टाचार के मामले में जमानत के लिए भी दबाव डाला था।
सुप्रीम कोर्ट ने 12 जुलाई को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था। हालांकि, सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद से वह जेल से बाहर नहीं आ पाए।
इस बीच, दिल्ली की एक अदालत ने सीएम केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 25 सितंबर तक बढ़ा दी थी। उन्हें पहले दी गई न्यायिक हिरासत की अवधि समाप्त होने पर तिहाड़ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश किया गया था।
सर्वोच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित वाद सूची के अनुसार, न्यायमूर्ति सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ सुबह 10.30 बजे अपना फैसला सुनाया।
पिछले सप्ताह न्यायमूर्ति कांत और न्यायमूर्ति भुइयां की खंडपीठ ने आम आदमी पार्टी (आप) सुप्रीमो की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एसवी राजू की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।