सुप्रीम कोर्ट ने बिहार सरकार को यह सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि राज्य में खासकर पटना और आसपास गंगा नदी के किनारे में किसी भी तरह निर्माण नहीं हो। शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही बिहार के मुख्य सचिव को गंगा नदी के डूब क्षेत्र में चिह्नित किए गए अवैध निर्माण को हटाने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी देने के लिए हलफनामा दाखिल करने का आदेश दिया है।
जस्टिस अनिरुद्ध बोस और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने यह आदेश तब दिया, जब बिहार सरकार की ओर से कहा गया कि उसने पटना और उसके आसपास गंगा नदी के किनारे 213 अनधिकृत निर्माणों की पहचान की है। साथ ही पीठ को बताया कि अवैध निर्माणों को हटाने के लिए समुचित कदम भी उठाए गए हैं।
शीर्ष अदालत ने राज्य सरकार को अगली सुनवाई पर नदी किनारे अतिक्रमण हटाने के बारे में हलफनामा दाखिल करने और अनधिकृत निर्माण को हटाने में हुई प्रगति के बारे में विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है। पीठ ने बिहार सरकार को यह भी सुनिश्चित करने का आदेश दिया है कि पटना के आसपास गंगा नदी के किनारे कोई और निर्माण न हो। शीर्ष अदालत ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा 30 जून, 2020 में पारित आदेश खिलाफ पटना निवासी अशोक कुमार सिन्हा की ओर से दाखिल अपील पर सुनवाई कर यह आदेश दिया है।