विधान परिषद की कार्यवाही के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मिमिक्री कर अपनी सदस्यता गवां चुके लालू प्रसाद के करीबी राजद के पूर्व एमएलसी सुनील सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस मामले में आदेश देते हुए रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दिया है। कोर्ट ने साफ़ तौर पर कहा है कि जबतक हम इस मामले की सुनवाई नहीं कर लेते हैं तब तक इसका रिजल्ट जारी नहीं किया जा सकता है।
दरअसल, भारत निर्वाचन आयोग ने विधानसभा कोटे की विधान परिषद में रिक्त एक सीट पर मतदान को लेकर कार्यक्रम जारी कर दिया है। आयोग के कार्यक्रम के अनुसार अगर जरूरत पड़ेगी तो मतदान 23 जनवरी को होगा। इससे पहले छह जनवरी को अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इसको लेकर नामांकन करने की अंतिम तिथि 13 जनवरी निर्धारित की गई है, जबकि नामांकन पत्रों की जांच 14 जनवरी को होगी।
वहीं नाम वापसी की तिथि 16 जनवरी है। ऐसे मे राजद के तरफ से इसी नेता ने इस सीट को लेकर अपना नामांकन दाखिल नहीं करवाया है,ऐसे में निर्विरोध रिजल्ट जारी नहीं किया जाए इसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है कि जब तक इस मामले में फाइनल सुनवाई नहीं हो जाती है तब तक रिजल्ट जारी नहीं किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले में सुनवाई करते हुए कहा कि इसको लेकर जो याचिक दाखिल कि गई है उसपर कल यानी 16 जनवरी 2025 को विस्तृत सुनवाई किया जाएगा। इसके साथ ही कोर्ट ने सुनिल सिंह के निष्कासित होने से रिक्त पद पर होने वाले उपचुनाव के रिजल्ट पर आज अंतरिम रोक लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि जब तक हम इस मामले को कोर्ट सुन नलें तबतक इसका परिणाम घोषित न हों।
गौरतलब हो कि सुनील सिंह की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिंघवी ने कहा सामान्य तौर पर इस चुनाव के लिए परिणाम की घोषणा एक हफ्ते बाद होगी, जबकि जब चुनाव निर्विरोध होगा तो इसका रिजल्ट कल जारी हो सकता है। इसके बाद मामले को सुनते हुए जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि आज हमारी कुछ प्रशासनिक बैठक है लिहाजा कल इसपर सुनवाई करेंगे, तब तक रिक्ति के संबंध में परिणाम घोषित न किए जाएं। इसके बाद यह तय है कि अब इसका रिजल्ट कल सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही जारी किया जाएगा।