नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट का यूट्यूब चैनल शुक्रवार को हैक कर लिया गया। उस पर अमेरिकी कंपनी रिपल लैब्स की ओर से निर्मित क्रिप्टोकरेंसी के प्रचार वाला एक वीडियो दिखाई देने लगा। संविधान पीठ के मामलों आदि की सुनवाई में यूट्यूब चैनल का उपयोग होता है।
इससे पहले हैकर्स ने चैनल का नाम बदला और पहले की सुनवाई के वीडियो प्राइवेट किए। अब कम्युनिटी गाइडलाइन वायलेंस के कारण चैनल को यूट्यूब ने हटा दिया है। इस चैनल पर शीर्ष अदालत की संविधान पीठ के सामने आने वाले मामलों और जनहित से जुड़े मामलों की सुनवाई को लाइव स्ट्रीम किया जाता है। हाल ही में आरजी कर मेडिकल कॉलेज, रेप और हत्या के मामले की सुनवाई को लाइव स्ट्रीम किया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की IT टीम ने NIC से मदद मांगी
सुप्रीम कोर्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वास्तव में क्या हुआ है। लेकिन ऐसा लगता है कि चैनल से छेड़छाड़ की गई है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक यूट्यूब चैनल में समस्या के बारे में शुक्रवार सुबह पता चला और सुप्रीम कोर्ट की IT टीम ने इसे ठीक करने के लिए नेशनल इनफॉर्मेटिक्स सेंटर (NIC) से मदद मांगी है।
रिपल ने खुद यूट्यूब पर मुकदमा दायर किया
रिपल ने खुद अपने CEO ब्रैड गारलिंगहाउस का फर्जी अकाउंट बनाने से हैकर्स को रोकने में विफल रहने के लिए यूट्यूब पर मुकदमा दायर किया है।
27 सितंबर 2022 को पहली बार सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही लाइव स्ट्रीमिंग हुई थी
पूर्व CJI यूयू ललित की अध्यक्षता में कोर्ट की मीटिंग में प्रमुख सुनवाइयों की लाइव स्ट्रीमिंग करने को लेकर सर्वसम्मत निर्णय लिया गया था। इसके तहत सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में तय किया कि सभी संविधान पीठों की सुनवाई यूट्यूब चैनल पर लाइव-स्ट्रीम की जाएगी।
पहली बार 27 सितंबर 2022 को सुप्रीम कोर्ट की कार्यवाही लाइव स्ट्रीमिंग हुई थी, जिसमें तब के CJI एनवी रमना ने अपने रिटायरमेंट वाले दिन 5 मामलों में फैसला सुनाया था।