बीते साल की शुरुआत में सुर्खियों में आए अदानी-हिंडनबर्ग मामले पर आखिरकार सुप्रीम कोर्ट का फैसला सामने आ गया है. सुप्रीम कोर्ट न 3 जनवरी को इस मामले पर अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मुताबिक, इस मामले में अदानी ग्रुप को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में अदानी ग्रुप को राहत दी है और इस मामले को SIT के पास भेजने से मना कर दिया है. अपने फैसले में कोर्ट ने SEBI यानी कि सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया को बाकी 2 जांच के लिए तीन महीने का निर्देश दिया है. बता दें कि सेबी ने 22 जांचें पूरी कर ली हैं.
SIT को नहीं सौंपा जाएगा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ये मामला अब SIT को नहीं भेजा जाएगा. कोर्ट ने कहा कि सेबी के नियामक तंत्र की न्यायिक समीक्षा का दायरा सीमित है. कोर्ट ने सेबी को अभी बाकी दो जांच को तीन हफ्ते में करने का निर्देश दिया और 22 जांच सेबी कर चुकी है।
कोर्ट ने जांच SEBI से SIT को सौंपने से इनकार किया है. बता दें कि याचिकाकर्त्ता ने इसकी मांग की थी. OCCPR की रिपोर्ट के आधार पर SEBI की जांच पर संदेह नहीं किया जा सकता. इसका मतलब ये हुआ कि SEBI ही जांच करेगा. कोर्ट ने ये भी कहा कि थर्ड पार्टी रिपोर्ट के आरोपों को सबूत नहीं माना जा सकता कोर्ट ने SEBI के बजाए SIT को जांच सौंपने से इनकार किया. कोर्ट ने कहा कि न्यूज़ पेपर के आर्टिकल और न्यूज़ रिपोर्ट को सेबी इन्वेस्टीगेट कर सकती है लेकिन एविडेंस नहीं मान सकती।
एक्सपर्ट कमिटी के सदस्यों पर उठे सवाल खारिज
कोर्ट ने एक्सपर्ट कमिटी के सदस्यों पर उठे सवालो को खारिज किया. साथ में कोर्ट ने कहा कि हितों कर टकराव की याचिकाकर्त्ता की दलील बेईमानी है. कोर्ट ने SEBI से कहा है कि मौजूदा नियामक तंत्र को बेहतर बनाने के लिए एक्सपर्ट कमिटी के सुझाव पर काम करें. कोर्ट ने SEBI और सरकार से कहा कि वो जांच कर कि शॉर्ट सेलिंग के आरोपों की हकीकत क्या है और क़ानून के मुताबिक उस पर एक्शन ले।
नुकसान की जांच करें एजेंसियां
सुप्रीम कोर्ट ने जांच एजेंसियों को ये निर्देश दिया है कि वो नुकसान की जांच करें. इसके अलावा चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने ये भी कहा कि पर्याप्त रिसर्च और अप्रमाणित रिपोर्ट की कमी की वाली याचिकाओं को स्वीकार नहीं किया जाएगा. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को बाकी 2 मामलों की जांच के आदेश दिए हैं।