‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत’. मुंबई के कार्डियोथोरेसिक सर्जन डॉ.संजीव जाधव और उनकी टीम ने इसे चरितार्थ किया है. सर्जन साहब फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के लिए चेन्नई जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में एक्सीडेंट हो गया और एम्बुलेंस पुणे-मुंबई राजमार्ग पर दो वाहनों से टकराने के बाद हैरिस पुल की दीवार से जा भिड़ी।
फेफड़ों के ट्रांसप्लांट के लिए जा रहे थे सर्जन एक्सिडेंट हो गया
इस हादसे में सर्जन साहब घायल हो गए थे, लेकिन वो रुके नहीं और फेफड़े लेकर ट्रांसप्लांट के लिए चेन्नई पहुंचे और सर्जरी की. जानकारी के मुताबिक जिस मरीज की सर्जरी की गई है वह 72 दिनों से लाइफ सपोर्ट पर थे. उन्हें लंग्स का कैंसर था. सर्जरी के बाद वह तेजी से रिकवर कर रहे हैं और ठीक हैं.
घायल होने के बावजूद नहीं रुके सर्जन, बच गई मरीज की जान
डॉ. संजीव जाधव मुंबई के अपोलो अस्पताल में तैनात हैं. वह ब्रेन डेड 19 वर्षीय युवक के फेफड़ों को निकालने के लिए पिंपरी के डीवाई पाटिल अस्पताल पहुंचे थे. पुलिस के मुताबिक डीवाई पाटिल अस्पताल की एक कार एम्बुलेंस के पीछे चल रही थी, जिसमें डॉ. जाधव अपनी टीम के साथ सवार थे. हवाई अड्डे के रास्ते में एम्बुलेंस पहले एक पिकअप वैन से टकरा गई, फिर एक एमएसआरटीसी बस और अंत में हैरिस पुल की दीवार से टकरा गई थी. हादसे के बाद जैसे-तैसे डॉ. संजीव अपनी टीम के साथ एयरपोर्ट पहुंचे और एक चार्टर विमान में सवार होकर चेन्नई पहुंचे थे.