ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे से अलग रहे मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सर्वेक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। वहीं, वाराणसी की जिला अदालत ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए ASI को 4 हफ्ते का अतिरिक्त समय दे दिया। इससे पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद ASI की एक टीम ने कड़ी सुरक्षा के बीच शुक्रवार सुबह ही वाराणसी स्थित ज्ञानवापी परिसर का सर्वेक्षण कार्य शुरू कर दिया था, और यह शनिवार को भी जारी रहेगा।
नमाज के लिए रोका गया था सर्वे का काम
बता दें कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में सर्वेक्षण के दौरान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। मस्जिद में जुमे की नमाज की वजह से सर्वे का काम दोपहर 12 से 2 बजे तक के लिए रोका गया, और उसके बाद फिर शुरू करके शाम 5 बजे तक जारी रखा गया। सर्वेक्षण टीम शनिवार सुबह 8 बजे अपना काम फिर से शुरू करेगी, जो शाम 5 बजे समाप्त होगा। सर्वेक्षण कार्य के दौरान अपना कोई प्रतिनिधि नहीं भेजने वाले मुस्लिम पक्ष ने इस पर रोक लगाने के लिये सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी, लेकिन कोर्ट ने सर्वे कराने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।
सर्वे के दौरान नहीं होगी तोड़फोड़ की कार्रवाई
ज्ञानवापी का सर्वे यह तय करने के लिए किया जा रहा है कि क्या 17 वीं शताब्दी की मस्जिद का निर्माण एक हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया है। चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने ASI को सर्वेक्षण के दौरान किसी भी तरह की तोड़फोड की कार्रवाई से मना कर दिया। बेंच ने ASI और उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की दलीलों का संज्ञान लिया कि सर्वेक्षण के दौरान कोई खुदाई नहीं की जाएगी और न ही संरचना को कोई नुकसान पहुंचाया जाएगा।
ASI को सर्वे के लिए मिला अतिरिक्त समय
इस बीच, वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार को काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में चल रहे वैज्ञानिक सर्वेक्षण को पूरा करने के लिए ASI को 4 हफ्ते का अतिरिक्त समय दे दिया। जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश ने ASI की याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे सर्वेक्षण कार्य पूरा करने के लिए 4 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया। सुनवाई के दौरान अदालत में मौजूद रहे हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि अब सर्वे कार्य पूरा करने की समय सीमा 4 सितंबर तक बढ़ा दी गई है। पिछले आदेश के मुताबिक सर्वे 4 अगस्त को पूरा करना था।
मुस्लिम पक्ष ने सर्वे से खुद को अलग रखा
यादव ने बताया कि सर्वे के दौरान मामले की वादी लक्ष्मी सिंह, सीता साहू, रेखा पाठक और मंजू व्यास तथा उनके एक-एक वकील मौके पर मौजूद रहे। मामले की एक अन्य वादी राखी सिंह उपस्थित नहीं है लेकिन उनके वकील मौजूद थे। मुस्लिम पक्ष ने इस सर्वे से खुद को अलग रखा। अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी के सचिव सैयद मोहम्मद यासीन ने इसकी पुष्टि करते हुएबताया कि मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता इस सर्वे में शामिल नहीं हुए, क्योंकि मुसलमानों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में इस सर्वे के निर्णय को पहले ही चुनौती दी गयी थी।
24 जुलाई को शुरू हुआ था सर्वे का काम
इससे पहले, वाराणसी की जिला अदालत के निर्णय के बाद ASI की टीम ने पिछली 24 जुलाई को भी ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का काम शुरू किया था लेकिन कुछ ही घंटों बाद अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस सर्वे पर तत्काल रोक लगा दी थी और मामले को इलाहाबाद हाई कोर्ट के समक्ष रखने को कहा था। हाई कोर्ट ने 3 अगस्त को फैसला सुनाते हुए मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी थी। ज्ञानवापी परिसर का सर्वे कराने के निचली अदालत के आदेश को बरकरार रखा था।