राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में जब पूर्ण मद्यनिषेध का कानून लागू है, तब पिछली सरकार के समय उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर शराब पीने का आरोप एक गंभीर मामला है। राज्य सरकार को इसकी विस्तृत जांच करानी चाहिए। तेजस्वी यादव के पद पर रहते उनकी ही पार्टी के विधान परिषद सदस्य रामबली सिंह ने यदि आरोप लगाए, तो उनके पास कुछ प्रमाण भी होंगे।
उन्होंने कहा कि किसी की विधान परिषद सदस्यता समाप्त या बहाल करना सभापति का विशेषाधिकार है, लेकिन शराबबंदी कानून तोड़ने के आरोप की जांच तो सरकार करा ही सकती है।
मोदी ने कहा कि शराब पीने, रखने या उसका व्यापार करने पर पूर्ण प्रतिबंध का कानून 2016 से लागू है। कानून तोड़ने पर जब सामान्य नागरिक को दंडित किया जाता है, तब तेजस्वी यादव के दोषी पाए जाने पर उनके विरुद्ध भी कार्रवाई हो सकती है।