बिहार को पूर्व डिप्टी सीएम सह बीजेपी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने एक बार फिर से बिहार के सीएम नीतीश कुमार और उनकी सरकार पर जातीय जनगणना को लेकर करारा हमलो बोला है. सुशील मोदी ने कहा है कि जातीय सर्वे पर हलफनामा देकर केंद्र ने विरोधियों की हवा निकाल दी है. बीजेपी बिहार में सर्वे के पक्ष में है, सेंसस (जनगणना) केंद्र का अधिकार है।
उन्होंने आगे कहा कि राजद-जदयू की मंशा पर पानी फिर चुका है और केंद्र ने कभी भी बिहार में जातीय सर्वे का विरोध नहीं किया था. सुशील मोदी ने कहा कि पटना हाईकोर्ट ने बीजेपी के मत की पुष्टि की थी और सर्वे कराने का आदेश दिया था।
सुशील मोदी ने कहा कि सेंसस (जनगणना) के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को संशोधित शपथ देकर केंद्र सरकार ने बिहार में जातीय सर्वे का मार्ग प्रशस्त कर दिया और साथ ही राजद-जदयू के मनगढ़ंत आरोपों की हवा निकाल दी. सुशील मोदी ने कहा कि राजद-जदयू का नेतृत्व उम्मीद कर रहा था कि केंद्र सरकार बिहार में हुए जातीय सर्वे का विरोध करेगी, जिससे भाजपा और केंद्र सरकार को जातीय सर्वे के बहाने पिछड़ा-विरोधी बताने का इन्हें मौका मिलेगा।
उन्होंने कहा कि बिल्लियों के भाग्य से छींका नहीं टूटा और केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि सेंसस (जनगणना) कराना केंद्र सरकार का संवैधानिक अधिकार है, लेकिन जातीय सामाजिक-आर्थिक सर्वे राज्य सरकारें भी करा सकती हैं. सुशील मोदी ने कहा कि बिहार में भाजपा सहित सभी दलों की सहमति से 17 विंदुओं पर जो आँकड़े जुटाये जा रहे हैं, वह सर्वे है, जनगणना नहीं।
उन्होंने कहा कि यही बात पटना हाई कोर्ट ने भी कही कि राज्य को सर्वेक्षण करने का अधिकार है, जनगणना करने का नहीं. सुशील मोदी ने कहा कि भाजपा ने बिहार में अपने रुख के अनुरूप सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया और हमें उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट भी पटना हाईकोर्ट की तरह जल्द ही जातीय सर्वे के समर्थन में अपना फैसला सुनाएगा. हम कभी इसके विरुद्ध नहीं रहे।