पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि केंद्र में मंत्री नहीं बनाये जाने के बाद बदला लेने की भावना से ललन सिंह ने लालू प्रसाद से नजदीकी बढ़ायी. भाजपा से गठबंधन तोड़वाया, आरसीपी सिंह को पार्टी से निकलवाया और जदयू को लगभग बर्बाद कर दिया. मोदी ने कहा कि भले ही ललन सिंह सच से इनकार करें, लेकिन केंद्रीय मंत्री नहीं बन पाने की हताशा से वे उबर नहीं पाए. उनके पूरी राजनीति प्रतिशोध से भरी रही।
ललन सिंह का भीतरघात एक्सपोज हो गया. जदयू को चुनाव से पहले अपना संगठन ठीक करने और लालू-वायरस से मुक्ति पाने का समय मिल जाएगा. ललन सिंह हटे नहीं, हटाये गए. सच छिपाने के लिए वे संसदीय क्षेत्र में समय देने के लिए अध्यक्ष-पद छोड़ने की बात कह रहे हैं. इस पर कौन भरोसा करेगा”- सुशील मोदी, राज्यसभा सांसद, भाजपा
ललन सिंह से कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं थे
सुशील मोदी ने कहा कि यदि ललन सिंह की राजनीति से पार्टी का आम कार्यकर्ता संतुष्ट होता, तो उनके हटने पर दीवाली नहीं मनायी जाती. उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को जिस चारा घोटाला के चार मामलों में सजाएं हुई और वे चुनाव लड़ने के अयोग्य घोषित कर दिये गए, उस मामले में याचिकाकर्ता ललन सिंह भी थे. मोदी ने कहा कि नौकरी के बदले जमीन मामले में सारे सबूत ललन सिंह ने ही मनमोहन सिंह तक पहुंचाये थे. सीबीआई उसी के आधार पर कार्रवाई कर रही है।
लालू से करीबी होने पर उठाये सवाल
सुशील मोदी ने सवाल उठाये कि जो ललन सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जानकारी में लालू प्रसाद को जेल भिजवाने के लिए सारे तिकड़म कर रहे थे, वही जुलाई-अगस्त 2022 से लालू प्रसाद के इतने करीब क्यों होते चले गए. मोदी ने कहा कि भाजपा ने 2019 और 2020 के चुनाव जदयू को साथ लेकर लड़ा था, इसलिए जदयू के अधिकतर विधायक-सांसद राजद से नहीं, भाजपा से गठबंधन के पक्ष में थे. लेकिन ललन सिंह के डर से वे बोल नहीं पाते थे।