दरभंगा एम्स को लेकर राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने रविवार को कहा कि आरजेडी (RJD) और जेडीयू (JDU) के बीच होड़ मच गई. आरजेडी के वरिष्ठ नेता भोला यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस किया और यह कहा कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर (DMCH) में नहीं बल्कि हायाघाट में अशोक पेपर मिल का जो कैंपस है वहां एम्स बनेगा. इस पर जेडीयू के लोगों को लगा कि आरजेडी के लोगों ने हाईजैक कर लिया।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार बताएं कि भोला यादव ने किस हैसियत से कहा कि हायाघाट में एम्स बनेगा और फिर अचानक डीएमसीएच को छोड़कर एकमी में ले आएं, जहां 20 फीट पानी भरा रहता है।
सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार ने सिर्फ एक ही बात बताया है कि दरभंगा मेडिकल कॉलेज परिसर में 81 एकड़ जमीन उन्होंने क्यों केंद्र सरकार को सौंपी थी, ये नीतीश कुमार है जिन्होंने एक समय में नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया था कि आपने बिहार को दूसरा एम्स दिया. इसके लिए धन्यवाद देता हूं और फिर उन्होंने डीएमसीएच परिसर की 81 एकड़ जमीन भारत सरकार को सौंप दी. इसके बाद अचानक क्या हुआ कि उन्होंने वह आइडिया ड्रॉप कर दिया और कहा कि शोभना एकमी इलाका है वहां जमीन देंगे।
आगे बीजेपी नेता ने कहा कि नीतीश कुमार नहीं चाहते हैं कि बिहार में दूसरा एम्स बने. दूसरा एम्स अगर बनेगा तो नीतीश कुमार के जगह नरेंद्र मोदी की जय-जयकार होगी, इसलिए कोई ना कोई अड़ंगा लगाकर टालना चाहते हैं. जेडीयू के लगभग 15 सांसदों ने लिखकर ज्ञापन दिया है कि दरभंगा के बजाय इसको सहरसा में स्थापित किया जाए. अखिल जेडीयू के सांसदों ने यह ज्ञापन क्यों दिया?
बता दें कि दरभंगा एम्स को लेकर पीएम मोदी के बयान के बाद इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गई है. इस मुद्दे पर डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया के बीच पहले ही ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ चुका है. इसके बाद इस पर खूब राजनीतिक बयानबाजी हो रही है।
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